कोयंबटूर की पांच साल की एक बच्ची ने अंगदान के जरिए छह लोगों की जान बचाई है.
पहली क्लास की स्टूडेंट जनश्रुति स्कूल जाने के दौरान दो जनवरी को एक एक्सीडेंट की शिकार हो गई. प्राथमिक उपचार के बाद उसे एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया. पर हालत और बिगड़ी, तो उसे कोवई मेडिकल सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया.
यहां भी दवाइयों का असर न होते देख डॉक्टर्स ने जनश्रुति को बुधवार सुबह ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया.
जनश्रुति के माता-पिता ने अस्पताल को अंगदान की अनुमति दी और डॉक्टर्स की एक टीम ने बच्ची की किडनियां, हार्ट वॉल्व, लिवर और आंखें प्रत्यारोपण के लिए सुरक्षित रख लीं.
बच्ची के पिता, जो परमाथीवेल्लूर सरकारी हॉस्टल में रसोइये का काम करते हैं, ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी अंगदान के जरिए सालों तक जीवित रहेगी.
हार्ट वॉल्व, एक किडनी और लिवर चेन्नई के मद्रास मेडिकल मिशन और अपोलो अस्पताल में एक विशेष विमान के जरिए प्रत्यारोपण के लिए भेजे गए.
जनश्रुति की दूसरी किडनी को कोवई मेडिकल सेंटर में ही एक अन्य मरीज में प्रत्यारोपित कर दिया गया. उसकी आंखों को शहर के ही अरविंद आई अस्पताल में भर्ती एक मरीज में प्रत्यारोपित कर दिया गया.
जनश्रुति अपने राज्य तमिलनाडु में चेन्नई को छोड़कर किसी अन्य शहर में अंगदान करनेवाली सबसे कम उम्र की बच्ची बनी है.
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