दिल्ली की एक अदालत ने संसद सुरक्षा चूक (Parliament Security Breach) मामले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों की पुलिस हिरासत 5 जनवरी तक बढ़ा दी.
सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद और अमोल शिंदे को पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) हरदीप कौर के समक्ष पेश किया गया. अदालत ने पुलिस के दायर एक आवेदन पर आरोपियों की हिरासत बढ़ा दी.
चारों आरोपियों को 13 दिसंबर को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनकी पहले दी गई सात दिन की पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया गया था.
UAPA के तहत प्राथमिकी दर्ज
दिल्ली की एक अदालत ने कथित मास्टरमाइंड ललित झा को 15 दिसंबर को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजने के बाद, अगले दिन छठे आरोपी महेश कुमावत को भी पुलिस हिरासत में भेज दिया.
दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस सुरक्षा चूक के मुद्दे की भी जांच कर रही है.
अभियोजन पक्ष ने गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को आतंकवादी करार दिया था और दावा किया था कि उन्होंने डर पैदा करने के इरादे से संसद पर सुनियोजित हमला किया था.
पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने आरोपियों के खिलाफ आरोपों में यूएपीए अधिनियम की धारा 16 (आतंकवाद) और 18 (आतंकवाद की साजिश) को शामिल किया है.
पुलिस ने कहा था कि व्यक्तियों ने गैलरी से सांसदों के बैठने की जगह में कूदकर अपने अधिकारों का उल्लंघन किया, जो कि अतिक्रमण है.
इसके अलावा, पुलिस ने दावा किया कि आरोपियों ने अपने जूतों में एक कनस्तर छुपाया था. पुलिस के अनुसार, और उनके वास्तविक मकसद को निर्धारित करने तथा इसमें शामिल किसी अन्य व्यक्ति की पहचान करने के लिए उनकी हिरासत की जरूरत पर जोर दिया.
पुलिस ने अदालत को बताया कि विशेष जूते लखनऊ में बने, जिनकी जांच होनी चाहिए. जांच के लिए उन्हें मुंबई, मैसूर, लखनऊ ले जाने की जरूरत है.
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