सुप्रीम कोर्ट कथित पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Snoopgate) की जांच के लिए एक टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर सकता है. लाइव लॉ के मुताबिक, चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमना ने पेगासस की एक याचिका में पेश हो रहे सीनियर एडवोकेट चंदर उदय सिंह से मौखिक रूप से ये बात कही.
बार एंड बेंच ने बताया कि पेगासस मामले को 23 सितंबर को लिस्ट नहीं किया गया था और चीफ जस्टिस रमना ने एक दूसरे मामले के दौरान सिंह से इसका जिक्र किया.
CJI ने कहा कि कोर्ट इस हफ्ते आदेश पारित करना चाहती थी, हालांकि, आदेशों को स्थगित कर दिया गया, क्योंकि कुछ सदस्य, जो कोर्ट की टेक्निकल कमेटी का हिस्सा बनना चाहते थे, ने कमेटी में शामिल होने के लिए व्यक्तिगत कठिनाइयों को व्यक्त किया है.
उन्होंने कहा, "इसीलिए टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के गठन में समय लग रहा है." उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट जल्द ही कमेटी के सदस्यों को अंतिम रूप देगी.
केंद्र ने पहले ही जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक एक्सपर्ट पैनल के गठन का प्रस्ताव दिया था, जिसमें स्वतंत्र सदस्यों को शामिल किया गया था. केंद्र ने कहा कि ये कमेटी अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप सकती है.
कथित जासूसी की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं के एक बैच के जवाब में, 13 सितंबर को, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वो अब एक विस्तृत हलफनामा दायर नहीं करना चाहता है, जिसमें स्पष्ट किया जाना है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया था या नहीं.
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था कि सरकार डोमेन विशेषज्ञों के एक पैनल के समक्ष पेगासस मामले के संबंध में सभी विवरणों का खुलासा करेगी, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से हलफनामे पर नहीं.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
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