पिछले तीन सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की. हालांकि, उन्होंने कुछ चुनिंदा टीवी चैनलों और अखबारों को इंटरव्यू जरूर दिया. बीते हफ्ते पीएम मोदी ने जी न्यूज के सुधीर चौधरी और टाइम्स नाऊ के राहुल शिवशंकर और नविका कुमार को इंटरव्यू दिया.
इन दोनों इंटरव्यू में बहुत से सवाल पूछे गए लेकिन जो शायद पूछे जाने थे वो रह गए. कई ऐसे सवाल थे जिनके जवाब देश प्रधानमंत्री से सुनना चाहता था.
पहला सवालः आधार
अप्रैल 2014 में आपने आधार को लेकर ट्वीट किया था, 'ना तो वो टीम, जिससे मैं मिला और ना ही प्रधानमंत्री इससे पैदा होने वाले खतरे पर मेरे सवालों का जवाब दे सकते थे. कोई विजन नहीं है, केवल राजनीतिक नौटंकी है.
आधार से स्कीमों को लगातार जोड़ने का प्रयास कर रही आपकी सरकार ने अब तक आधार डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
दूसरा सवालः नोटबंदी और कालाधन
आरबीआई की रिपोर्ट कहती है कि बैन किए गए 99 फीसदी नोट बैंकों में लौट आए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि कालेधन के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. अब आगे क्या?
तीसरा सवालः प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
दिसंबर 2012 में आपने ट्वीट किया था, "कांग्रेस देश को विदेशी के हाथों सौंप रही है. ज्यादातर राजनीतिक दल एफडीआई के विरोध में थे, लेकिन सीबीआई के डर से कुछ दलों ने वोट नहीं किया और कांग्रेस बैक डोर से जीत गई!"
हाल ही में आपकी कैबिनेट ने एविएशन में 49 फीसदी और ऑटोमेटिक रूट के तहत सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई की घोषणा की. साल 2012 के बाद पांच सालों में एफडीआई बढ़ाने को लेकर आपका फैसला कैसे बदला?
चौथा सवालः गुड्स एंड सर्विस टैक्स
क्या कारण है कि सरकार जीएसटी के इनवॉइस मैचिंग फीचर को बनाए रखना चाहती है? अगर एक कारोबारी अपनी सेल पर पूरा टैक्स अदा कर रहा है और वह खरीद में रिफंड चाहता है, तो उसे तब तक इंतजार करने को कहा जाता है जब तक कि रिटेलर अपना रिटर्न और टैक्स न जमा कर दे.
टैक्स चोरों को पकड़ने में सरकार की अक्षमता के लिए वास्तविक टैक्सपेयर को दंडित क्यों किया जाना चाहिए?
पांचवा सवालः ट्विटर पर क्यों करते हैं ट्रोलर्स को फॉलो
फरवरी 2017 में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में कहा, "26 ट्विटर हैंडल ऐसे हैं जो संप्रदाय के नाम पर लोगों को निशाना बनाते हैं, रेप की धमकियां देते हैं, ऐसे लोगों को ट्विटर पर भारत के प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं." इसके अलावा, गौरी लंकेश के मर्डर के बाद निखिल दधीच नाम के शख्स, जिसे आप ट्विटर पर फॉलो करते हैं, ने पत्रकार के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया.
क्या आपको नहीं लगता कि इस तरह के ट्रोलर्स को फॉलो करने से गलत संदेश जाता है?
छठवां सवालः करणी सेना
सुप्रीम कोर्ट के पद्मावत पर बैन लगाने से इंकार के बावजूद चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने सूबे में फिल्म को रिलीज करने से इंकार कर दिया. क्या आपको नहीं लगता कि रिलीज रोकने वाले मुख्यमंत्री करणी सेना के जरिए पॉलिटिकल एजेंडा तैयार कर रहे हैं?
सातवां सवालः बीफ बैन
आपको क्या लगता है बीफ खाना या नहीं खाना वैचारिक मामला है या यह व्यक्तिगत पसंद का विषय होना चाहिए? इसके अलावा, महाराष्ट्र में बीजेपी ने बीफ बैन को लागू किया है, जबकि चुनावी राज्य मेघालय में पार्टी इस मुद्दे पर चुप है.
आठवां सवालः साजिश का मतलब
चुनाव प्रचार के दौरान आपने आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस पार्टी ने पाकिस्तान के साथ मिलकर गुजरात में बीजेपी को हराने के लिए साजिश रची.
लेकिन बाद में, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में कहा कि आपका वह मतलब नहीं था, आप देश के प्रति हामिद अंसारी और मनमोहन सिंह के कमिटमेंट का सम्मान करते हैं. फिर आपका मतलब क्या था?
नौवां सवालः गुजरात में हारते-हारते क्यों बचे
बीजेपी 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में 99 सीटों पर सिमट गई. 1995 में सत्ता में आने के बाद से यह आपकी पार्टी के लिए सबसे मुश्किल वक्त रहा.
हालांकि कांग्रेस आपके गृह राज्य में आपकी पार्टी को हराने से सफल नहीं रही पर आपकी क्या राय है, जीत के अंतर में कमी क्यों आई?
दसवां सवालः विकास बनाम हिंदुत्व
गुजरात चुनाव के दौरान, बीजेपी के कुछ स्टार प्रचारक विकास छोड़ हिंदुत्व का सहारा लेते नजर आए. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी चुनाव प्रचार के दौरान बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले का जिक्र किया.
क्या आपको लगता है कि बीजेपी विकास के एजेंडे पर पीछे छूट रही है?
[ गणतंत्र दिवस से पहले आपके दिमाग में देश को लेकर कई बातें चल रही होंगी. आपके सामने है एक बढ़िया मौका. चुप मत बैठिए, मोबाइल उठाइए और भारत के नाम लिख डालिए एक लेटर. आप अपनी आवाज भी रिकॉर्ड कर सकते हैं. अपनी चिट्ठी lettertoindia@thequint.com पर भेजें. आपकी बात देश तक जरूर पहुंचेगी ]
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