लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच 5 राज्यों में गठबंधन हुआ है. दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, गोवा और चंडीगढ़ में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. हालांकि, पंजाब में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
चलिए आपको बताते हैं कि दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या है? दिल्ली में AAP और कांग्रेस किन-किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी? आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के हाथ मिलाने से बीजेपी को कितना नुकसान होगा?
AAP-कांग्रेस सीट शेयरिंग फॉर्मूला?
शनिवार, 24 फरवरी को दिल्ली में दोनों दलों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीट शेयरिंग के बारे में जानकारी दी. AAP की ओर से आतिशी, संदीप पाठक और सौरभ भारद्वाज, वहीं कांग्रेस की ओर से मुकुल वासनिक, दीपक बाबरिया और अरविंदर सिंह लवली प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए. दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग के फॉर्मूले के मुताबिक,
दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 सीटों पर और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस 9 पर चुनाव लड़ेगी, जबकि 1 सीट-कुरुक्षेत्र पर AAP अपना उम्मीदवार उतारेगी. वहीं चंडीगढ़ में कांग्रेस चुनाव लड़ेगी.
गुजरात की 26 लोकसभा सीटें में से कांग्रेस 24 पर चुनाव लड़ेगी, वहीं 2 सीटों- भरूच और भावनगर में AAP ताल ठोकेगी. वहीं गोवा की दोनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी.
दिल्ली में किन सीटों पर AAP और कांग्रेस चुनाव लड़ेगी?
दिल्ली में AAP इन 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी:
नई दिल्ली
पश्चिमी दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली
पूर्वी दिल्ली
कांग्रेस पार्टी इन 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी:
चांदनी चौक
उत्तर-पूर्व दिल्ली
उत्तर-पश्चिम दिल्ली
क्या कहते हैं पिछले आंकड़े?
अगर 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो दिल्ली की सभी 7 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कब्जा जमाया था. 5 सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी तो वहीं 2 सीटों पर आम आदमी पार्टी दूसरी बड़ी पार्टी बनी थी.
2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 56.90 फीसदी था. कांग्रेस का वोट शेयर 22.60 फीसदी और आम आदमी पार्टी का 18.20 फीसदी था. कांग्रेस और AAP के पिछले चुनाव के वोट शेयर को जोड़ दे तो भी वो बीजेपी के आसपास नहीं टिकती है. बीजेपी का वोट शेयर दोनों पार्टियों के कुल वोट शेयर से 16.1 फीसदी ज्यादा था.
अगर सीटवार परिणामों पर नजर डालें तो पता चलता है कि दिल्ली की सातों सीट पर जीत का अंतर 20 फीसदी से ज्यादा है.
चांदनी चौक सीट से बीजेपी के डॉ. हर्षवर्धन ने कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल को 2,28,145 वोटों यानी 23.27 फसदी वोटों के अंतर से हराया था.
उत्तर-पूर्व दिल्ली सीट से बीजेपी के मनोज तिवारी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस की शीला दीक्षित को 3,66,102 वोटों यानी 25.05 वोटों के अंतर से हराया था.
क्रिकेट से नेता बने गौतम गंभीर ने पूर्वी दिल्ली सीट से कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को 3,91,222 वोटों से हराया था. हार-जीत का अंतर 31.11 फीसदी रहा.
नई दिल्ली सीट से बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस के अजय माकन को 27.86 फीसदी वोटों के अंतर से हराया था. जीत का मार्जिन करीब 2.50 लाख से ज्यादा वोट था.
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से सिंगर हंस राज हंस ने AAP नेता गुगन सिंह को 5.50 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था. हार-जीत का मार्जिन 39.48 फीसदी था.
पश्चिमी दिल्ली में बीजेपी के परवेश वर्मा ने कांग्रेस के महाबल मिश्रा को पौने पांच लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. हार-जीत का अंतर 40.13 फीसदी था.
दक्षिण दिल्ली में बीजेपी के रमेश बिधुड़ी ने AAP उम्मीदवार राघव चड्ढा को 3.67 लाख वोटों से पटखनी दी थी. मार्जिन करीब 30 फीसदी था.
हालांकि, वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार का मानना है कि, "कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की तुलना पिछले बार के चुनाव के नतीजों से नहीं की जा सकती है. ये एक ऐसा गठबंधन है जो अप्रत्याशित परिणाम दे सकते हैं."
इसके साथ ही वो कहते हैं, "बीजेपी को कोई हरा सकता है कि नहीं, ये वाली फिलिंग अलग रहने से खत्म हो जाती है. और जैसे ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जुड़ती है, बीजेपी को हराया जा सकता है."
गठबंधन के बाद क्या बोले नेता?
AAP राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा, ""यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कौन सी पार्टी किस सीट पर चुनाव लड़ रही है, महत्वपूर्ण यह है कि हम एक साथ चुनाव लड़ेंगे. इस बार देश की जनता चुनाव लड़ेगी और वह बीजपी की भ्रष्ट सरकार को हरा देगी."
वहीं दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंद सिंह लवली ने कहा,
"AAP और कांग्रेस इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं. हमने पहले ही कहा था कि इंडिया गठबंधन पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेगा. यह पूरे देश की लड़ाई है और परिणाम निश्चित रूप से भारत गठबंधन के लिए अनुकूल होंगे."
कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने कहा, "अलग-अलग राजनीतिक दल होने की वजह से हम अलग-अलग चिन्हों पर ये चुनाव लड़ेंगे, लेकिन हमारी जिम्मेदारी रहेगी कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी 3 सीटों पर प्रत्याशी रखने के बाद भी सातों पर कैसे कामयाब हो सकते हैं उस दिशा में हमारा प्रयास होगा."
बीजेपी ने इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "आपने 'चोर चोर मौसेरे भाई' कहावत तो सुनी होगी- और यह बिल्कुल वैसा ही है जैसा दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच हो रहा है. AAP कार्यकर्ता बहुत निराश हैं क्योंकि अरविंद केजरीवाल, जो कभी कहते थे कि हम राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जेल भेजेंगे, आज उनके सामने झुक रहे हैं.”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)