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DUSU चुनाव 2019ः अध्यक्ष पद समेत 4 में से 3 सीटों पर ABVP का कब्जा

DUSU में एबीवीपी ने लहराया जीत का परचम, NSUI को करना पड़ा 1 सीट से संतोष

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दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ 2019 के नतीजे घोषित हो गए हैं. एक बार फिर से डूसू चुनावों में ABVP ने बड़ी जीत दर्ज की है. सेंट्रल पैनल की 4 सीटों में से 3 सीटों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने जीत हासिल की है. वहीं सचिव पद पर NSUI ने जीत दर्ज की है.

छात्र संगठन AISA तीन पदों पर तीसरे पायदान पर रहा.

ABVP के अक्षित दहिया बने DUSU अध्यक्ष

उत्तर पूर्वी दिल्ली के किंग्सवे कैंप में डूसू चुनावों की गिनती पूरी हो गई है. सभी जीते हुए कैंडिडेट ढोल नगाड़ों के बीच अपने समर्थकों के साथ आर्ट्स फैकल्टी पहुंचे. ABVP के अक्षित दहिया ने अध्यक्ष पद पर NSUI की चेतना त्यागी को 19 हजार वोटों से ज्यादा के अंतर से हराया है.

उपाध्यक्ष पद पर ABVP के प्रदीप तंवर का कब्जा

उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के प्रदीप तंवर ने एनएसयूआई के कैंडिडेट को 8,574 वोटों से हराकर जीत दर्ज की वहीं सह सचिव की सीट पर एबीवीपी की शिवांगी खारवाल ने 2,914 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है.

NSUI के खाते में आया सचिव पद

NSUI के खाते में एक सचिव की सीट आई है. सचिव पद पर एनएसयूआई के आशीष लांबा ने 2,052 वोटों से ABVP के योगित राठी को हराया.

‘‘एबीवीपी ने सचिव पद पर योगित राठी को टिकट दिया था, जो कि उस वक्त रामजस कॉलेज के अध्यक्ष थे, जहां 2017 में हिंसा(उमर खालिद के कॉलेज में आने पर) हुई थी. छात्रों ने इसका साफ जवाब दे दिया है.’’
अक्षय लाकड़ा (अध्यक्ष, एसएसयूआई के दिल्ली प्रदेश)

अध्यक्ष

  • ABVP- 29,685 (जीत)
  • NSUI- 10,646
  • AISA- 5,886
  • NOTA-5,886

उपाध्यक्ष

  • ABVP-19,858 (जीत)
  • NSUI-11,284
  • AISA-8,217
  • NOTA-7,879

सचिव

  • ABVP- 18,881
  • NSUI- 20,934 (जीत)
  • AISA- 6,507
  • NOTA- 6,804

सह सचिव

  • ABVP-17,234 (जीत)
  • NSUI-14,320
  • AISA-10,876
  • NOTA-7,695

पिछली बार से 4 फीसदी कम हुआ मतदान

इस बार छात्रसंघ चुनाव में 39.90 फीसदी वोटिंग हुई, जो पिछली बार के मतदान से 4 फीसदी कम है. साल 2018 में 44.46 फीसदी वोटिंग हुई थी.

ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों के बीच इस बार भी गिनती पूरी की गई. इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय में चुनाव के लिए 52 मतदान केंद्र बनाए गए थे. 4 महिला कैंडिडेट समेत कुल 16 उम्मीदवार इस बार सेंट्रल पैनल के लिए चुनावी मैदान में उतरे थे. वोट डालने के लिए 1 लाख 30 हजार से ज्यादा छात्र थे और 144 ईवीएम के जरिए वोटिंग हुई.

वामपंथी छात्र संगठन आइसा ने वोट परसेंटेज बढ़ने के बाद खुशी जाहिर की.

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