एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने 2014 में हुए महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए गए कुल खर्च का अकेले 60 फीसदी से अधिक खर्च किया, जिसमें प्रचार, यात्रा, अन्य खर्च और उम्मीदवारों पर खर्च की गई कुल राशि शामिल है.
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों चुनावों में सभी पार्टियों ने कुल मिलाकर 362.87 करोड़ रुपये खर्च किए. बीजेपी 226.82 करोड़ रुपये खर्च करके इस सूची में अव्वल रही तो दूसरा स्थान कांग्रेस ने हासिल किया. कांग्रेस ने दोनों चुनाव में कुल 63.31 करोड़ रुपये खर्च किए.
BJP Vs दूसरी पार्टियां
सभी पार्टियों द्वारा खर्च किए गए 362.87 करोड़ रुपये में, 280.72 करोड़ रुपये (77.36 प्रतिशत) सिर्फ प्रचार पर खर्च किए गए, उसके बाद यात्राओं पर 41.40 करोड़ रुपये खर्च किए गए. एडीआर के अनुसार,
“बीजेपी ने प्रचार पर सबसे ज्यादा 186.39 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसका मतलब है बीजेपी ने प्रचार पर सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए गए कुल खर्च का 66.40 फीसदी खर्च किया.”
सभी राजनीतिक पार्टियों में, बीजेपी ने फंड के रूप में अधिकतम 296.74 करोड़ रुपये जुटाए.
रिपोर्ट के अनुसार, “बीजेपी द्वारा अर्जित की गई कुल राशि में, केंद्रीय मुख्यालयों को 58.69 फीसदी (174.159करोड़ रुपये), जबकि महाराष्ट्र इकाई को 122.28 करोड़ और हरियाणा इकाई को 0.303 करोड़ रुपये मिले.”
कांग्रेस दूसरे स्थान पर
फंड अर्जित करने के मामले में कांग्रेस ने 84.37 करोड़ रुपये के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया. वहीं सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने पार्टी मुख्यालयों और प्रदेश इकाईयों में फंड के रूप में कुल 464.55 करोड़ रुपये एकत्रित किए.
रिपोर्ट के अनुसार, "राशि का इकट्ठा अधिकतर चेक/डीडी से किया गया, जिसके तहत पार्टियों ने राज्य व केंद्र स्तर पर कुल 323.66 करोड़(69.67 प्रतिशत) फंड एकत्रित किए."अधिकतर पार्टियों ने फंड लेने और पैसे खर्च करने के लिए नकद का उपयोग करना कम पसंद किया.
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