शुक्रवार को मरीना बीच पर एआईएडीएमके के कार्यकर्ता बेहद उत्साहित नजर आ रहे थे. दरअसल ई पलनीसामी और ओ पनीरसेलवम के बीच हुए समझौते के बाद शुक्रवार को पार्टी के दोनों धड़ों का मर्जर स्वाभाविक माना जा रहा था.
लेकिन क्लाईमैक्स मे रात 8 बजे यू टर्न आया. फिलहाल दोनों धड़ों का विलय नहीं हो रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक पनीरसेलवम के समर्थकों ने उन्हें ऑफर की जाने वाली डेप्यूटी सीएम की पोस्ट लेने से मना कर दिया.
उनका कहना है कि पनीरसेलवम तीन बार सीएम रह चुके हैं. ऐसे मे वे पलनीसामी के डेप्यूटी नहीं बन सकते.
पूर्व मंत्री के पंडियारजन और राज्यसभा मेंबर मैत्रेयन के बीच नेगोशिएशन में इस बात पर गहरी तल्खी दिखी. जब ईपीएस के धड़े से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई तो बाहर जमावड़ा लगाकर बैठे विधायकों ने वापस लौटना शुरू कर दिया.
इस बीच 11 बजे पूर्व मंत्री सी पोन्नियां बाहर आए. उन्होंने साफ कर दिया कि फिलहाल कुछ बड़े फैसले की उम्मीद नहीं की जा सकती.
दो दिन पहले ई पलनीसामी ने जयललिता की याद में मेमोरियल बनाने और उनकी मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. पनीरसेलवम के साथ उनके समझौते की ये प्रमुख शर्तें थीं. दोनों के बीच शशिकला के भतीजे दिनकरण के मुद्दे पर भी पेंच फंसा था.
पनीरसेलवम दिनकरण की पार्टी से विदाई चाहते हैं. लेकिन दिनकरण ने 24 विधायकों और 4 सांसदों के साथ शक्ति प्रदर्शन कर सभी को अचरज में डाल दिया. हालांकि दिनकरण की पार्टी से विदाई तय मानी जा रही है. लेकिन मंत्रियों के पोर्टफोलियो के सवाल पर फिलहाल दोनों कैंपों में ठन गई है.
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