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अखिल गोगोई को TMC में आने का न्योता, असम प्रदेश अध्यक्ष पद की पेशकश- रिपोर्ट

TMC की तरफ से Akhil Gogoi की रायजर पार्टी को विलय का न्योता दिया गया है

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असम के एक्टिविस्ट और रायजर दल के प्रमुख अखिल गोगोई (Akhil Gogoi) ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए क्षेत्रीय दलों के गठबंधन की संभावना है.

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NDTV में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, अखिल गोगोई ने दावा किया कि TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी ने केंद्र से बीजेपी को बेदखल करने के लिए रायजर दल को तृणमूल कांग्रेस में विलय करने का निमंत्रण दिया है.

"हमारा लक्ष्य क्षेत्रीय ताकतों का एक संघ बनाना है और 2024 में नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए ममता बनर्जी को अपने लीडर के रूप में पेश करना है"
अखिल गोगोई

उन्होंने आगे कहा कि अगर TMC के साथ विलय होता है, तो उस स्थिति में उन्हें TMC की असम इकाई के अध्यक्ष पद की पेशकश की गई है.

अखिल गोगोई : जमीन-जंगल की लड़ाई और जेल से चुनावी जीत

अखिल गोगोई की राजनीतिक पहचान सिर्फ इसलिए नहीं है कि वो पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के बाद एक मात्र राजनीतिक कैदी हैं. जिन्होंने जेल से चुनाव जीत लिया, बल्कि उनकी पहचान नागरिकता संशोधन कानून के विरोधी एक्टिविस्ट, छात्र नेता और जमीन-जंगल की लड़ाई लड़ने वाले एक्टिविस्ट के रूप में भी है.

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इस साल 1 जून को राष्ट्रीय जांच एजेंसी न्यायालय द्वारा जेल से रिहा किये गए गोगोई के लिए जेल जाने का उनका यह अनुभव नया नहीं था. इससे पहले वो कांग्रेस सरकार के दौरान भी गिरफ्तार किए जा चुके थे. असम में गोगोई बांध और जमीन के मुद्दों पर सरकारों को घेरते रहे हैं.

गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाले 46 वर्षीय अखिल गोगोई 1995-96 के दौरान कॉलेज छात्र संघ के महासचिव भी थे. हाल ही में हुए असम विधानसभा चुनाव में गोगोई की जीत ऐतिहासिक रही है.

उन्होंने सिबसागर विधानसभा सीट से बीजेपी की अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी सुरभि राजकोनवारी को 11,875 वोटों से हराया है.
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CAA विरोधी आंदोलन में हिंसा भड़काने के आरोप में अखिल गोगोई के खिलाफ सिबसागर, गौरीसागर, डिब्रूगढ़ ,जोरहाट, तेओक समेत असम के कई शहरों के पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई थी. आखिरकार 1 जून को राष्ट्रीय जांच एजेंसी न्यायालय ने उन्हें अंतिम आरोप से भी बरी कर दिया.

TMC के लिए अखिल गोगोई क्यों है खास?

TMC के लिए गोगोई असम में पांव जमाने का जरिया हो सकते है, क्योंकि उनकी पहचान एक ऐसे युवा नेता के रूप में है जो स्थापित सरकारों, खासकर बीजेपी शासन के खिलाफ आवाज उठाने से नहीं डरते. हाल की में TMC ने असम के साथ-साथ त्रिपुरा में भी पार्टी को स्थापित करने पर खासा जोर दिया है.

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