उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राहुल गांधी के तीखे तेवर देखने के बाद विरोधियों के साथ-साथ पुराने सहयोगियों ने भी उनके इरादे भांप लिए हैं. शायद यही वजह है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपने पुराने वादे याद आ गए.
लखनऊ में सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा और पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रोड शो कर ताकत का एहसास कराया. रोड शो के बाद पार्टी दफ्तर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अपने इरादे जाहिर किए, तो सियासी खेमों में हड़कंप मच गया.
कांग्रेस के शक्ति प्रदर्शन और राहुल गांधी के इरादे देखने के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव सामने आए और उन्होंने कहा कि गठबंधन में कांग्रेस पार्टी भी शामिल है.
‘ये गठबंधन बीएसपी से तो है, वहीं आपकी और जानकारी होगी कि कांग्रेस पार्टी भी शामिल है, आरएलडी को भी तीन सीट दी गई हैं, वो भी शामिल हैं. और निषाद पार्टी को भी, क्योंकि पहले हम चुनाव उनके साथ लड़े हैं. आने वाले समय में कुछ दल लोकसभा में हमारे साथ रहेंगे और कुछ विधानसभा में भी हमारे साथ रहेंगे.’अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी
अखिलेश के इस बयान के बाद अब सवाल ये भी है कि क्या अमेठी और रायबरेली सीट पर गठबंधन का प्रत्याशी न उतारकर एसपी, कांग्रेस को गठबंधन का हिस्सा मान रही है या फिर आने वाले वक्त में कांग्रेस को सम्मानजनक सीटों के साथ शामिल किए जाने की गुंजाइश भी बाकी है.
हालांकि राहुल गांधी साफ तौर पर लोकसभा चुनावों को लेकर अपने इरादे जाहिर कर चुके हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अब बैकफुट पर नहीं, बल्कि फ्रंटफुट पर खेलेगी.
क्या कांग्रेस के साथ समझौते के मूड में है एसपी-बीएसपी?
यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन के औपचारिक ऐलान के बाद कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के रूप में ऐसा दांव खेला कि विरोधियों के बीच कांग्रेस की वैल्यू रातों-रात बढ़ गई. शायद यही वजह है कि प्रियंका के पॉलिटिकल डेब्यू के बाद अब एसपी-बीएसपी, कांग्रेस के साथ समझौते के मूड में है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो एसपी-बीएसपी अब कांग्रेस को 80 में से 15 सीटें देने को तैयार है, लेकिन अब कांग्रेस ने अपनी डिमांड बढ़ा दी है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस गठबंधन में शामिल होने के लिए कम से कम 25 सीटें चाहती है.
हालांकि बीएसपी इसके लिए तैयार नहीं है, क्योंकि अगर कांग्रेस को 25 सीटें दी जाती हैं, तो उसके हिस्से एसपी-बीएसपी के बराबर ही सीटें होंगी. यानी यूपी में एसपी-बीएसपी के बराबर का कद, जो कि बीएसपी को मंजूर नहीं होगा.
इसके अलावा सियासी गलियारों में एक और थ्योरी भी घूम रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि ऐसा भी हो सकता है कि कांग्रेस को औपचारिक तौर पर गठबंधन में शामिल न किया जाए, लेकिन एसपी-बीएसपी गठबंधन बाहर से कांग्रेस को सपोर्ट करे. अगर ऐसा होता है, तो कम से कम 15 सीटों पर गठबंधन कांग्रेस उम्मीदवार के मुकाबले कमजोर उम्मीदवार उतार सकता है, ताकि वह कांग्रेस के आड़े न आए. बदले में कांग्रेस भी गठबंधन की मजबूती वाली सीटों पर ऐसा ही कर सकती है.
यूपी को लेकर राहुल ने जाहिर किए इरादे
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रोड शो के बाद लखनऊ में पार्टी दफ्तर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश को लेकर अपनी रणनीति जाहिर की. राहुल ने उन दलों को भी कड़ा संकेत दिया, जो कांग्रेस को कमजोर समझकर गठबंधन से दूर रख रहे थे.
उत्तर प्रदेश में हम बैकफुट पर नहीं, फ्रंटफुट पर खेलेंगे. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कमजोर नहीं रह सकती. जब तक यहां कांग्रेस की विचारधारा वाली सरकार नहीं बनेगी, तब तक मैं, प्रियंका और सिंधिया जी चैन से बैठने वाले नहीं हैं. मैंने प्रियंका और ज्योतिरादित्य को जिम्मेदारी दी है कि लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन होना चाहिए, लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बननी चाहिए.राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल ने कहा कि प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर यूपी में संगठन को मजबूत करने और उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने की जिम्मेदारी है.
उत्तर प्रदेश में अगर कांग्रेस पार्टी को खड़ा करना है, तो जमीनी नेताओं को तैयार करना होगा. ज्योतिरादित्य और प्रियंका पर यूपी में जमीनी नेता तैयार करने की जिम्मेदारी है. जो हेलिकॉप्टर, हवाई जहाज में उड़ने वाले नेता हैं, उनसे काम नहीं चलेगा. जो गांव में, शहर में, कस्बों में, सड़कों पर लड़ेगा, वही काम के लोग हैं. उन्हें आगे बढ़ाइए और देखिए कांग्रेस पार्टी कैसे आगे बढ़ती है.राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
बिना नाम लिए राहुल ने साधा निशाना
राहुल गांधी यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन पर साफ शब्दों में कुछ भी बोलने से बचे. हालांकि उन्होंने कहा, ‘यहां गठबंधन भी लड़ रहा है. मैं मायावती और अखिलेश का आदर करता हूं. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस पूरे दम से लड़ेगी, यूपी बदलने के लिए लड़ेगी.’
उत्तर प्रदेश का युवा, किसान, दलित, पिछड़ा, गरीब सभी लोग उत्तर प्रदेश में प्रगति की सरकार चाहते हैं...कांग्रेस पार्टी की सरकार चाहते हैं. इन लोगों ने सभी दलों को आजमा लिया है...सब के सब फेल हो गए हैं. अब एक ही रास्ता है, जमीन से लड़ाई होगी. उत्तर प्रदेश में अगर कांग्रेस पार्टी को खड़ा करना है, तो जमीनी नेताओं को आगे बढ़ाना होगा.राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
यूपी में SP-BSP का है गठबंधन
लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर यूपी में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन हुआ है. दोनों ही दल यहां 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इस गठबंधन में दोनों दलों ने कांग्रेस को शामिल नहीं किया है. हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की रायबरेली सीट पर गठबंधन ने उम्मीदवार न उतारने का ऐलान किया है.
गठबंधन के औपचारिक ऐलान के बाद से बीएसपी सुप्रीमो मायावती कांग्रेस के प्रति हमलावर रुख अख्तियार किए हुए हैं. हालांकि अखिलेश के रुख में कांग्रेस के लिए नरमी देखी जा सकती है. यही वजह है कि राहुल गांधी के ताजा बयान का असर सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी पर ही हुआ है, इसीलिए अखिलेश ने सामने आकर ये बयान दिया कि कांग्रेस भी गठबंधन में शामिल है.
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