उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि "जब हम सत्ता में आएंगे तो जिन अधिकारियों ने मेरे आधिकारिक निवास पर 'खोई हुई टोंटियों' की खोज की थी, उन्हीं अधिकारियों से योगी के घर में 'चिलम' और 'धूम्रपान के पाइपों' की खोज करवाएंगे.
देवरिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा,
जब हमने दुनिया के सबसे बेहतरीन लैपटॉप विद्यार्थियों को बांटे हैं तो हम भला क्यों टोंटियां चुराएंगे? छात्र अभी भी हमारे दिए गए लैपटॉप का उपयोग कर रहे हैं, जो उनकी गुणवत्ता को दिखाता है.
उन्होंने कहा, "हम उन्हें योगी के घर में 'चिलम' ढूंढने को कहेंगे."
बगल में बैठे योगी की तरह दिखने वाले सुरेश ठाकुर की बात करते हुए अखिलेश ने कहा, "हम यहां फर्जी बाबाओं की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन मैं एक 'बाबा' को यहां लाया हूं."
मुख्यमंत्री की 'ठोको नीति' (मुठभेड़ नीति) पर बात करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा,
यहां कुछ ऐसे भी लोग हैं जो मुठभेड़ की नीति अपनाकर राज्य में अपराध को खत्म करने का दावा कर रहे हैं. यह बहुत जरूरी है कि ना केवल ‘चौकीदार’ (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) बल्कि ‘ठोकीदार’ (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) को भी पद से हटाया जाए.
अखिलेश ने चुनाव आयोग द्वारा वाराणसी लोकसभा सीट से एसपी उम्मीदवार बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी रद्द किए जाने में कथित भूमिका के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की आलोचना की.
उन्होंने कहा, "सरकार आतंकवाद को खत्म करने का दावा करती है लेकिन एक जवान से डरती है."
राज्य में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के गठबंधन पर बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि पहले चरण के चुनाव के बाद से जो खबरें सामने आ रही हैं, उससे यह साफ है कि "जो लोग स्वच्छ भारत अभियान के बारे में बात कर रहे थे, वे खुद पूरी तरह साफ हो रहे हैं."
(इनपुट: IANS)
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