40 साल से अधिक समय तक कांग्रेस में रहने के बाद नई राजनितिक पार्टी बनाने को तैयार पंजाब (Punjab) के पूर्व मुख्यमंत्री और अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने कांग्रेस के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया है. उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) सेकुलरिज्म पर बोलने वाले कोई नहीं होते हैं. नवजोत सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) पर निशाना साधते हुए कैप्टन ने कहा कि सिद्धू पंजाब का नेतृत्व करने का सपना देखते हैं. अगर ऐसा कभी होता है तो कितना भयानक होगा.
सेकुलरिज्म के बारे में बात करना बंद कीजिये हरीश रावत जी- अमरिंदर सिंह
19 अक्टूबर को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा की, कि वो अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं और वो बीजेपी और अकाली दल से अलग हुए गुटों के साथ भी गठबंधन कर सकते हैं. हरीश रावत ने इसे “चौंकाने वाला” बताते हुए टिप्पणी की थी कि लगता है अमरिंदर सिंह ने अपने अंदर मौजूद सेकुलर अमरिंदर को मार दिया है.
पंजाब कांग्रेस प्रभारी की इसी बात पर पलटवार करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया एडवाइजर रवीन ठुकराल ने उनकी तरफ से ट्वीट किया कि
“सेकुलरिज्म के बारे में बात करना बंद कीजिये हरीश रावत जी. यह मत भूलिए कि कांग्रेस ने 14 साल बीजेपी में रहने वाले नवजोत सिद्धू को पार्टी में लिया. अगर नाना पटोले और रेवनाथ रेड्डी आरएसएस से नहीं आये तो कहां से आये. परगट सिंह अकाली दल में 4 सालों तक थे.”
अमरिंदर सिंह हरीश रावत को महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ कांग्रेस के गठबंधन को याद दिलाना भी नहीं भूले.
“आपको आशंका है कि मैं पंजाब में कांग्रेस के हितों को नुकसान पहुंचाऊंगा. तथ्य है मुझ पर भरोसा न करके और सिद्धू जैसे अस्थिर व्यक्ति के हाथों में पंजाब कांग्रेस देकर पार्टी ने अपने ही हितों को नुकसान पहुंचाया है.”अमरिंदर सिंह
सिद्धू पंजाब का नेतृत्व करेंगे तो कितना भयानक होगा- अमरिंदर सिंह
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ताजा हमले में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को भी नहीं बख्शा.
“नवजोत सिंह सिद्धू आप कैसे फ्रॉड और चीट हैं. आप मेरी 15 साल पुरानी फसल विविधीकरण के पहल को कृषि कानूनों से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके खिलाफ मैं अभी भी लड़ रहा हूं और जिसके साथ मैंने अपना राजनीतिक भविष्य जोड़ा है”
उन्होंने आगे कहा है कि “यह स्पष्ट है नवजोत सिद्धू आप पंजाब और उसके किसानों के हितों के बारे में अनजान हैं. आप स्पष्ट रूप से विविधीकरण और कृषि कानूनों के बीच के अंतर को नहीं जानते हैं. और फिर भी आप पंजाब का नेतृत्व करने का सपना देखते हैं. अगर ऐसा कभी होता है तो कितना भयानक होगा '.
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