केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अचानक चर्चा में आए डिटेंशन सेंटर को लेकर कहा कि ये देश के कानून के तहत बने हैं. उन्होंने साफ किया है कि NRC और डिटेंशन सेंटर का कोई लिंक नहीं है. अगर कोई भी नागरिक अवैध तौर पर रहते हुए भारत में पकड़ा जाता है तो उसे वापस भेजने तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है. उन्होंने कहा कि इस देश का अपना कानून है, जिसके तहत अवैध तौर पर रहने वाले विदेशी को पकड़ा जाता है.
उन्होंने कहा कि जो डिटेंशन सेंटर अभी चर्चा में आया है वो अवैध तौर पर भारत में आए लोगों के लिए ही है. उन्होंने कहा,
“मानो अगर असम के एनआरसी में कुछ लोग बाहर हो गए हैं, उन सभी लोगों को सरकार ने 6 महीने का वक्त दिया है कि फॉरेनर ट्रब्यूनल के अंदर अपना पक्ष रखें. हमने ये भी कहा है कि वकील के खर्चे का पैसा भारत सरकार उठाएगी. हमने किसी को डिटेंशन सेंटर में नहीं रखा है. देश में कोई भी किसी भी देश से चला आएगा तो उसे कहां रखेंगे? बाद में एंबेसी से बात होती है और वापस भेजा जाता है.”अमित शाह, गृहमंत्री
‘कहीं नहीं बनेंगे डिटेंशन सेंटर’
अमित शाह से जब सवाल पूछा गया कि देश में डिटेंशन सेंटर कहां-कहां बनेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि डिटेंशन सेंटर कहीं नहीं बनेंगे. एक डिटेंशन सेंटर असम में बना हुआ है. वो सालों से वहां है. उन्होंने कहा कि "मेरे हिसाब से एक ही डिटेंशन सेंटर है. मोदी सरकार आने के बाद कोई भी डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया गया है. जिस व्यक्ति के पास वीजा नहीं है उसे आप कहां रखेंगे?" डिटेंशन सेंटर एक रखने की जगह है कोई जेल नहीं है. इसे केवल एनआरसी के लिए नहीं बनाया गया.
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