बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हरियाणा के रोहतक जाने का कार्यक्रम बनाया तो सूबे की राजनीति पर नजर रखने वालों के कान खड़े हो गए. हरियाणा में इसी साल अक्टूबर में चुनाव होने हैं और पूर्व मुख्मयंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा के गढ़ में शाह का ‘आसन जमाना’ बहुत कुछ कहता है.
हरियाणा का मिशन-75
रोहतक में योग के बाद ब्रेकफास्ट पर अमित शाह ने मिशन-75 का फार्मूला बनाया. हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीट जीतने के बाद बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में कम से कम 75 सीट जीतने का टारगेट फिक्स किया है. लेकिन लोकसभा चुनाव में ईवीएम का वटन दबाते वक्त वोटर पीएम नरेंद्र मोदीका चेहरा देख रहा था. यानी विधानसभा की राह लोकसभा जितनी आसान भी नहीं होगी.
कांग्रेस ने 2009 के लोकसभा चुनाव में नौ सीटों पर जीत हासिल की थी और विधानसभा की पांच दर्जन से अधिक सीटों पर बढ़त बनाई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा 40 सीटों पर खिसक गई थी. यानी अगर बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 90 सीट में से 75 से ज्यादा पर बढ़त बनाई तो इसका मतलब ये नहीं कि यही नतीजा विधानसभा में दोहराया जाएगा.
भाजपा के चुनाव मैनेजर भी ये बात समझते हैं. लिहाजा पार्टी अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को किसी भी सूरत में हलके ढंग से नहीं लेना चाहती. यही वजह है कि खुद अमित शाह पॉलिटिक्स का योग करने हरियाणा पहुंच गए. केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद ये उनका पहला हरियाणा दौरा था. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा प्रभारी डा. अनिल जैन, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ चर्चा की.
ओल्ड रोहतक पर निशाना
2014 विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 47 सीट जीतकर पहली बार हरियाणा में सरकार बनाई. दूसरी पारी में और रन बनाने की चाहत में फोकस ओल्ड रोहतक यानी रोहतक, सोनीपत और झज्जर जिलों पर है.
- सोनीपत की 6 में से 5 सीट
- रोहतक की 4 में से 3 सीट
- झज्जर की 4 में से 2 सीट
पर कांग्रेस का कब्जा है. 2019 के चुनाव में बीजेपी कांग्रेस के इस ‘बेस कैम्प’ को तोड़ना चाहती है.
अकाली दल भी मैदान में कूदा
इस बीच शिरोमणी अकाली दल ने इशारा किया है कि वो हरियाणा विधानसभा चुनाव में सूबे की 90 में से 30 सीट पर खुद लड़ना चाहती है. लेकिन बीजेपी की मौजूदा स्थिती को देखते हुए इसकी उम्मीद दूर-दूर तक नहीं दिखती.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)