ADVERTISEMENT

Amritpal Singh Case: कई पत्रकारों का दावा- पंजाब पुलिस से मिल रही है धमकी

Amritpal Singh Case कई पंजाबी पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट सहित सोशल मीडिया हैंडल पर रोक लगा दी गई थी.

Published
Amritpal Singh Case: कई पत्रकारों का दावा-  पंजाब पुलिस से मिल रही है धमकी
i
Like
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

Amritpal Singh Case में पंजाब पुलिस अमृतपाल की तलाश में जुटी हुई है, इस बीच कई पत्रकारों ने दावा किया है कि उनको पुलिस धमकी दे रही है. जिन पत्रकारों की पुलिस ने जांच की है, उसमें राज्य के वेब प्लेटफॉर्म के हरशरण कौर, जसवीर सिंह, रतनदीप धालीवाल से लेकर जगजीत सिंह पंजोली तक के नाम शामिल है.

ADVERTISEMENT

हरशरण कौर के घर का दौरा

पंजाब पुलिस 24 मार्च को सुबह करीब 5:30 बजे मनसा जिले के छप्पियां वाली गांव में खालिस टीवी की डायरेक्टर और चीफ एडिटर हरशरण कौर के पैतृक घर पहुंची थी. उन्होंने दौरे के बारे में कहा-

पुलिस सुबह करीब 5 बजे मेरे घर आई थी और मैं कहां हूं और क्या कहां रह रही हूं इस बारे में पूछ रही थी, दरअसल मैंने हाल ही में शादी की है और अब मैं अपने पैतृक घर में नहीं रहती और मैं उस वक्त भी वहां मौजूद नहीं थी. पुलिस ने कहा कि वो मुझे हिरासत में लेना चाहते हैं, लेकिन मेरे परिवार ने उनसे वारंट दिखाने को कहा. वो मेरे घर की तलाशी लेना चाहते थे, लेकिन क्योंकि हमारे घर में सीसीटीवी कैमरा है, वो ऐसा नहीं कर सके."
ADVERTISEMENT

हरशरण कौर ने आगे बताया कि उन्होंने मेरे भाई को पुलिस स्टेशन बुलाया, लेकिन जब वह वहां गए तो एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) मौजूद नहीं थे. मेरे भाई ने मनसा एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक), नानक सिंह से बात की, जिन्होंने मेरे भाई से कहा कि जब मैं अपने पैतृक घर वापस आ जाऊं तो उन्हें सूचित कर दें.”

हरशरण का कहना है कि उसका परिवार अभी तक उसके पिता की असामयिक मृत्यु के सदमे से उबर नहीं पाया है और ऐसे में यह पुलिस की जांच उनके परिवार के लिए और भारी पड़ रही है.

ADVERTISEMENT

पंजाब पुलिस ने हरशरण की कहानी को मनगढ़ंत बताया

पंजाब पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से हरशरण के आरोपों को नकारते हुए उनकी कहानी को मनगढ़ंत करार दिया है और साथ ही राज्य की पुलिस ने कथित फर्जी समाचार साझा करने वालों को चेतावनी दी, "हम आप सभी को सलाह देते हैं कि अफवाह फैलाने वालों से दूर रहें और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा करने से पहले समाचारों की पुष्टि करें."

हरशरण ज़ी और पीटीसी न्यूज़ जैसे मीडिया संस्थानों के साथ काम कर चुकी है, हरशरण का दावा है कि उनके परिवार के पास पुलिस के दौरे की सीसीटीवी फुटेज है और वह उचित समय पर इसे साझा करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को भी इसके बारे में सूचित किया है.

ADVERTISEMENT

दूसरें पत्रकारों ने भी पुलिस के 'दौरे' का किया दावा

रतनदीप धालीवाल पंजाबी पत्रकार हैं उनका भी दावा है कि उनके बठिंडा के रामपुरा फूल स्थित घर पर पुलिस ने दौरा किया था. रतन सोशल मीडिया पर 'टॉक विद रतन' नाम का शो चलाते हैं, जिसमें वो पंजाब की प्रमुख हस्तियों के इंटरव्यू लेते हैं. उन्होंने कहा,

पंजाब पुलिस मेरे घर आई और मेरे परिवार, परिवार के सदस्यों, संपत्ति, ससुरालवालों के परिवार और आय के स्रोत के बारे में सवाल किये. पुलिस ने मुझसे कहा कि मेरा नंबर उन लोगों की लिस्ट में है, जो अमृतपाल के करीबी लोगों से बात कर रहे थे.

रतन पिछले 6 साल से न्यूज इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं. उन्होंने एक अन्य वेब चैनल, आरएमबी के साथ काम करके अपना नाम बनाया. रतन का कहना है कि पुलिस द्वारा अमृतपाल के खिलाफ अभियान शुरू करने से पहले वो अमृतपाल का इंटरव्यू करने वाले थे, जिसके लिए वो अमृतपाल के सहयोगियों के संपर्क में थे.

ADVERTISEMENT
उन्होंने आगे कहा, "मैंने पुलिस को बताया कि जिस दिन पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ अपना अभियान शुरू किया था, मैं अमृतपाल का इंटरव्यू करने वाला था, जिसके लिए मैं पापलप्रीत के संपर्क में था, पापलप्रीत पुलिस के अनुसार अमृतपाल के साथ भागा हुआ है. मैंने अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह का भी इंटरव्यू किया था. जिन्होनें बाद में फोन पर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया, हालांकि इंटरव्यू की वीडियो मेरे फेसबुक पेज से अपने आप डिलीट हो गई".
ADVERTISEMENT

पत्रकारों का दावा- पुलिस ने आधार कार्ड, पासपोर्ट और बैंक अकाउंट नंबर मांगा

वेब न्यूज चैनल अनम्यूट के पत्रकार जगजीत सिंह पंजोली के घर का भी शनिवार को पंजाब पुलिस ने दौरा किया था. पंजोली ने द क्विंट को बताया,

"पंजाब पुलिस मेरे घर आई और मेरा आधार कार्ड, पासपोर्ट नंबर, फोटो और बैंक खाता नंबर मांगा.चूंकि मैं घर पर नहीं था, मेरे परिवार ने मुझे इसके बारे में मुझे बताया."

उन्होंने आगे कहा, "पुलिस ने मुझे बताया कि पिछले कुछ दिनों में मैंने मोगा में किसी से बात की थी, वह कमलजीत बराड़ थे, वह भी तब जब मैंने सिद्धू मूसेवाला के स्मरणोत्सव समारोह में उनका इंटरव्यू लिया था और कुछ दिन पहले बराड़ अमृतपाल से मिला था.”

बराड़ मोगा जिले के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष हैं और उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. कथित तौर पर, बराड़ ने अमृतपाल के पक्ष में और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष राजा वारिंग के खिलाफ बयान दिया था. बराड़ के पिता दर्शन बराड़ पंजाब के जगराओं और बाघा पुराना निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे है.

ADVERTISEMENT

कई और पत्रकारों से भी हुई पूछताछ

बताया जा रह है कि इन पत्रकारों के अलावा, पुलिस ने इंडिपेंडेंट पत्रकार - राजिंदर सिंह सबरान और जसवीर सिंह मुक्तसर के भी घर का दौरा किया. मुक्तसर ने राजिंदर सिंह सबरान को अपनी मां के फोन से कॉल किया था और कहा,”पंजाब पुलिस मुझे थाने ले गई और हमसे मेरा और मेरी पत्नी का मोबाइल फोन ले लिया, उनका कहना था कि पुलिस फोन की फॉरेंसिक जांच करवाना चाहती है. मुझे बताया गया है कि मैं फेसबुक पर गलत जानकारी पोस्ट कर रहा था लेकिन मेरा फेसबुक अकाउंट पिछले कुछ महीनों से प्रतिबंधित है.

ADVERTISEMENT

'मीडिया को रिपोर्ट करने का अधिकार है': मुलेपुर एसएचओ

न्यूज 18 के डिप्टी न्यूज एडिटर रणवीर सिंह राणा ने भी दावा किया है कि पंजाब पुलिस ने फतेहगढ़ साहिब जिले में उनके गांव का दौरा किया था. उनके अनुसार, राज्य पुलिस ने गांव वालों से उनके और उनके परिवार के बारे में पूछा.

बस्सी पठाना के एसएचओ हरविंदर सिंह ने रणवीर राणा के गांव में पुलिस के दौरे पर स्पष्ट जवाब देने से इनकार कर दिया. हरविंदर ने कहा, "वह एक अच्छे इंसान हैं, मैं रणबीर राणा को जानता हूं और उनसे एक बार मिल चुका हूं, आम तौर पर हम गांवों में जाते हैं और सरपंचों से मिलते हैं."

जगजीत सिंह पंजोली के बारे में बात करते हुए मुलेपुर थाने के एसएचओ गुरदीप सिंह ने कहा,’ हमें नहीं पता था कि जगजीत एक पत्रकार हैं. गलत सूचना के कारण हम उनके घर गए. दरअसल, जगजीत के पिता भी रिटायर्ड पुलिसकर्मी हैं. मीडिया को रिपोर्ट करने का अधिकार है और हमने इसे जगजीत सिंह के साथ क्लियर कर दिया है.

जसविंदर सिंह, सब-इंस्पेक्टर, नारकोटिक्स (बठिंडा), जिन्होंने रतनदीप धालीवाल के घर का दौरा किया, ने फोन पर बात करने से इनकार कर दिया और यह कहते हुए कॉल काट दिया कि इस रिपोर्टर को अपना पक्ष जानने के लिए उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहिए.

ADVERTISEMENT

अमृतपाल केस में पुलिस नहीं कर रही बात

अमृतपाल पर नियमित रूप से मीडिया को ब्रीफ करने वाले पंजाब पुलिस के आईजीपी (मुख्यालय) सुखचैन गिल को किए गए सभी फोन कॉल और संदेशों का कोई जवाब नहीं आया. जब हमने उनसे हरशरण कौर के बारे में बात करने की कोशिश की तो एसएसपी नानक सिंह मनसा ने भी फोन नहीं उठाया. जसवीर सिंह मुक्तसर के बारे में बात करने के लिए एसएसपी मुक्तसर हरमनबीर गिल को फोन कॉल किया गया लेकिन उन्होनें भी कॉल नहीं उठाया.

इससे पहले, भारत में कई पंजाबी पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट सहित सोशल मीडिया हैंडल पर रोक लगा दी गई थी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×