बिहार के अररिया लोकसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो चुका है. 11 मार्च को वोटिंग और 14 मार्च को नतीजे आएंगे. अररिया लोकसभा सीट आरजेडी सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद खाली हो गई थी. इस बीच सत्ताधारी जेडीयू को बड़ा झटका तब लगा जब तस्लीमुद्दीन के बेटे और जेडीयू विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. वो अब अपने पिता की लोकसभा सीट अररिया से उपचुनाव लड़ेंगे.
सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद सीधे पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, मैंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. राबड़ी देवी से मैंने शिष्टचार भेंट की है.
राबड़ी देवी से उनकी मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि अररिया से वो RJD के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.
क्या NDA Vs UPA है ये चुनाव?
जानकारों का मानना है कि अररिया सीट का चुनाव NDA Vs UPA 'किस्म' का हो सकता है. 2019 लोकसभा चुनाव से पहले साफ है कि कौन सी क्षेत्रीय पार्टी किस खेमे की तरफ जा रही है. ऐसे में वोटरों को भी अंदाजा लगाने में दिक्कत नहीं होना चाहिए. इस सीट पर मुस्लिम-यादव समुदाय का दबदबा है.
45 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम और यादव मतदाता यहां हैं, अब अगर तस्लीमुद्दीन के बेटे यहां से RJD के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं तो लालू प्रसाद यादव की पार्टी को यहां आसानी से बढ़त मिल सकती. हालांकि चुनाव पूर्व ऐसे कोई अनुमान नहीं लगाए जा सकते. जातीय समीकरणों को देखते हुए बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन को उम्मीदवार चुनने में मुश्किल हो सकती है.
पिछले लोकसभा चुनावों के ट्रेंड
साल 2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो आरजेडी कैंडिडेट तस्लीमुद्दीन ने बीजेपी कैंडिडेट प्रदीप कुमार सिंह को करीब 1.5 लाख वोटों से हराया था. प्रदीप इस सीट से 2009 में बीजेपी सांसद भी रह चुके हैं.
2009 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह ने लोकजनशक्ति पार्टी के कैंडिडेट को हराया था. इससे पहली भी यानी 2004 के चुनाव में यहां पर बीजेपी का कब्जा रहा है.
लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें
अररिया लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें 5 पर NDA काबिज है वहीं 1 सीट कांग्रेस के पास है. सीट पर पिछले दो दशकों में हुई 5 लोकसभा चुनावों में 3 बार बीजेपी तो दो बार आरजेडी की सरकार बनी है. ये बता दें कि बिहार में हुए इन लोकसभा चुनावों में पार्टियों का समीकरण भी बदला है. कभी जेडीयू, बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ी है तो कभी कांग्रेस, आरजेडी के साथ.
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