पश्चिम बंगाल के बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह (MP Arjun Singh) ने बीजेपी छोड़ तृणमूल कांग्रेस में 'घर वापसी' कर ली है. बीजेपी से लंबे समय से असंतुष्ट बताये जा रहे अर्जुन सिंह TMC के महासचिव अभिषेक बनर्जी के मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए.
यह दलबदल का मतलब है कि बंगाल में बीजेपी के सांसदों की संख्या 18 से घटकर 16 हो गयी है जबकि टीएमसी के पास 24 सांसद हैं. इससे पहले बाबुल सुप्रियो ने भी टीएमसी में पलटी मारी थी.
इससे पहले, अर्जुन सिंह ने पार्टी में वरिष्ठ पद पर रहने के बावजूद उन्हें ठीक से काम नहीं करने देने के लिए पश्चिम बंगाल बीजेपी नेतृत्व की आलोचना की थी. जूट मिलों के मुद्दे पर उन्होंने सीएम ममता बनर्जी का समर्थन किया था और फिर अधिकांश असंतुष्ट बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरह दावा किया था कि राज्य में संगठनात्मक अराजकता ही बीजेपी के पतन का कारण बन रही है. TMC में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि
"बंगाल बीजेपी सिर्फ एयर कंडीशनर घर में बैठकर फेसबुक से बंगाल में राजनीति नहीं कर सकती. इसीलिए बंगाल बीजेपी का दिन-प्रतिदिन ग्राफ गिर रहा है. जमीन स्तर पर राजनीति करना पड़ता है"
अर्जुन सिंह का राजनीतिक सफर (इनके लिए दलबदल कोई नहीं चीज नहीं)
बैरकपुर में कई जूट मिलें और अन्य कारखाने हैं जिन पर अर्जुन सिंह का प्रभाव है. वह अक्सर मजदूरों के हित के लिए लड़ते रहे हैं. बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह बंगाल की राजनीति में एक बड़ा चेहरा हैं.
अर्जुन सिंह ने कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और भाटपारा नगर पालिका चुनाव में पार्षद के रूप में जीत हासिल की. लेकिन राज्य विधानसभा में उनका प्रवेश 2001 में तृणमूल कांग्रेस कके टिकट पर जब उन्होंने सीपीआई (एम) के उम्मीदवार रामप्रसाद कुंडू को हराया.
वह लोकसभा चुनाव से पहले 2019 में बीजेपी में शामिल हुए और पार्टी के उम्मीदवार के रूप में बैरकपुर सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. अब फिर उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में 'घर वापसी' कर ली है.
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