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अर्णब मामले में NCP ने उठाए सवाल, शिवसेना का BJP पर जमकर हमला

अर्णब गोस्वामी और BARC के पूर्व सीईओ के बीच कथित वॉट्सऐप चैट हुई लीक

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रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. अब उनकी एक कथित वॉट्सऐप चैट ने तहलका मचा रखा है. जिसमें वो BARC के पूर्व सीईओ से नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ी कई चौंकाने वाली बातें कर रहे हैं. अब इस मामले को लेकर विपक्ष भी गंभीर सवाल उठा रहा है. कांग्रेस और शिवसेना के बाद अब एनसीपी की तरफ से भी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनाने की मांग की गई है.

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गृह मंत्रालय पता करे कौन था सोर्स- एनसीपी

शरद पवार की पार्टी एनसीपी की तरफ से महाराष्ट्र सरकार से मांग की गई है कि वो अर्णब गोस्वामी और BARC के पूर्व सीईओ के बीच हुई बातचीत को लेकर एक ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी गठित की जाए.

एनसीपी के प्रवक्ता महेश तापसे ने इस मामले को लेकर कहा कि, ये काफी ज्यादा चौंकाने और परेशान करने वाली बात है कि नेशनल सिक्योरिटी जैसा मसला टीआरपी पाने के लिए इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा कि वो अब महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के साथ मुलाकात करेंगे और कहेंगे कि वो इस पूरे मामले को लेकर गृहमंत्री अमित शाह से सफाई मांगें.

एनसीपी का कहना है कि ये काफी संवेदनशील मामला है, इसीलिए गृहमंत्रालय को इसके सोर्स की पहचान कर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

कांग्रेस ने भी की है कमेटी बनाने की मांग

एनसीपी से पहले विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस ने भी एनसीपी की ही तरह ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनाने की बात कही है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अर्णब गोस्वामी की कथित वॉट्सऐपच चैट को लेकर कहा कि, "मीडिया का एक बड़ा धड़ा जो रिपोर्ट कर रहा है अगर वो सच है तो बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2019 लोकसभा चुनावों में सीधे संबंधन की तरफ इशारा करता है. इसीलिए इस मामले में जेपीसी की जरूरत है."

शिवसेना का बीजेपी पर हमला

महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज शिवसेना ने भी अपने मुखपत्र सामना के जरिए इस मामले पर अपनी राय रखी है. शिवसेना ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. सामना में लिखा गया कि, जब अन्वय नाइक मामले को लेकर अर्णब की गिरफ्तारी हुई तो बीजेपी नेताओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिए थे और अपनी छाती पीटने लगे थे. यहां तक कि कुछ ने तो मुंडन भी करवा लिया था.

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शिवसेना के मुखपत्र में चैट का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि,

“किसे केंद्रीय मंत्री बनाना है, ये मोदी और शाह तय नहीं कर रहे थे. बल्कि अर्णब गोस्वामी ये तय कर रहे थे. जिनका चैनल बीजेपी का ‘मुख स्पीकर’ था. ये चैनल बीजेपी से सुपारी लेकर विपक्ष पर टूट पड़ता था. अब इसी गोस्वामी टोली ने राष्ट्रीय सुरक्षा की धज्जियां उड़ाकर बीजेपी का मुंह काला कर दिया है. एक कहावत है, ‘दूसरों के लिए खोदे गए गड्ढे में खुद गिरे’, गोस्वामी के मामले में यही हुआ.”

इस मामले को लेकर तमाम विपक्षी नेता भी लगातार पिछले कई घंटों से ट्वीट कर रहे हैं. सवाल उठाए जा रहे हैं कि अगर ये चैट सच है तो इतनी बड़ी जानकारी आखिर लीक कैसे और किसने की?

कई संवेदनशील मुद्दों का जिक्र

बता दें कि अर्णब गोस्वामी और BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच कथित चैट में बालाकोट एयरस्ट्राइक का भी जिक्र किया गया है. स्ट्राइक से तीन दिन पहले ही इसका जिक्र किया गया. यानी अगर ये चैट सही साबित होती हैं तो इसका मतलब है कि अर्णब को पहले से ही स्ट्राइक की जानकारी थी. इसके अलावा भी कई बड़े मुद्दों पर कथित बातचीत सामने आई है.

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