मोदी सरकार के मंत्रिमंडल गठन से ठीक पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि पीएम उन्हें कैबिनेट में शामिल न करें. अरुण जेटली ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने कहा है कि पिछले 18 महीनों से मेरी सेहत खराब है, इसीलिए मुझे अब कोई भी जिम्मेदारी न दी जाए.
जेटली ने पीएम मोदी को भेजी गई अपनी चिट्ठी में लिखा है, ‘मेरे लिए आपकी सरकार में काम करने का यह काफी शानदार अनुभव रहा. पार्टी ने मुझे एनडीए सरकार में अहम जिम्मेदारी देकर आशीर्वाद दिया. सत्ता में रहने के अलावा विपक्ष में रहने के दौरान भी मुझे पार्टी ने जिम्मेदारी दी. मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं मांग सकता था.’
जेटली ने लिखा, ‘पिछले 18 महीनों में मुझे काफी गंभीर बीमारियों से जूझना पड़ा है. चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद जब आप केदारनाथ यात्रा पर जा रहे थे तब मैंने मौखिक तौर पर आपको सूचित किया था कि भविष्य में किसी भी जिम्मेदारी को निभाने में असमर्थ रहूंगा. जिससे मेरे स्वास्थ्य और चल रहे इलाज में मदद मिलेगी.’
बीजेपी और एनडीए ने आपके नेतृत्व में शानदार जीत दर्ज की. कल नई सरकार का शपथ ग्रहण होगा. मैं आपको लिखकर ये अपील करता हूं कि मुझे खुद के इलाज और स्वास्थ्य के लिए वक्त चाहिए. इसीलिए मैं नई सरकार में किसी भी जिम्मेदारी का हिस्सा बनने में समर्थ नहीं हूं. हालांकि अनौपचारिक तौर पर पार्टी और सरकार को सहयोग दे सकता हूं.
कौन होगा अगला वित्त मंत्री?
इससे पहले भी खबरें सामने आई थीं कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ब्रेक ले सकते हैं. उनकी जगह पार्टी के किसी बड़े नेता को वित्त मंत्रालय सौंपा जा सकता है. बताया जा रहा है कि अगर अमित शाह को कैबिनेट में शामिल करने का फैसला लिया गया तो उन्हें वित्त मंत्रालय सौंपा जा सकता है. इसके अलावा पीयूष गोयल भी अरुण जेटली की गैर मौजूदगी में वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल चुके हैं. इसीलिए अब उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्री बनने का मौका मिल सकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)