देश के पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की वजह से एक तरफ राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी जैसा माहौल बना हुआ है, जो वहीं दूसरी तरफ तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का 'सोशल मीडिया वॉर' भी चर्चा का विषय बन गया है. दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, हरियाणा के मनोहरलाल खट्टर और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक दूसरे की पार्टियों पर आरोप लगाते दिख रहे हैं. आइए जानते हैं कि तीन सूबों के मुख्यमंत्रियों के बीच हो रही ऑनलाइन बहस के पीछे की क्या वजह है?
क्यों भिड़े तीन राज्यों के मुख्यमंत्री?
दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच बहस की वजह- बुजुर्गों से जुड़ी 'तीर्थ दर्शन योजना' है. इसी मसले को लेकर बहस शुरू हुई और शिवराज सिंह चौहान ने तो अरविंद केजरीवाल पर झूठ बोलने का आरोप तक लगा दिया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार, 5 अक्टूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की एक पोस्ट को रीशेयर करते हुए लिखा कि “मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना” पूरे देश में अभी तक केवल दिल्ली में चल रही थी. पहली बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने चलाई. इस योजना के तहत हम दिल्ली के 75,000 से ज्यादा बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवा चुके हैं. हमें खुशी है कि बीजेपी हमारी सरकार से सीखकर काम करने की कोशिश कर रही है.
केजरीवाल ने आगे लिखा कि खट्टर साहिब, अगर इसके कार्यान्वन में कोई तकलीफ आए तो पूछ लीजिएगा, हरियाणा वासियों की मदद करने में हमें बड़ी खुशी होगी
मनोहर लाल खट्टर ने अपनी पोस्ट में क्या कहा था?
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा कि अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा, अमृतसर, पटना साहिब आदि तीर्थ स्थानों के लिए प्रदेश सरकार रेलवे यात्रा मुफ्त करवाएगी. इसके लिए हमने 60 साल से ऊपर की उम्र के लोगों के लिए 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' बनाई है, निश्चित रूप से आपको इस योजना का फायदा उठाना चाहिए.
कैसे हुई तीसरे CM की एंट्री?
मनोहर लाल खट्टर के पोस्ट पोस्ट पर केजरीवाल का कमेंट आने के बाद शिवराज सिंह चौहान भी इस 'जंग' में कूदने का मन बना लिए. CM शिवराज ने केजरीवाल की पोस्ट को रीशेयर करते हुए लिखा-"अरविंद जी, झूठ के अपने शीश महल से बाहर निकलिए और आंखें खोलकर देखिए!"
उन्होंने आगे कहा कि जब 'आप' का अस्तित्व भी नहीं था, तब से मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन करवा रही है. भारतीय जनता पार्टी की हमारी सरकार ने 2012 में 'मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना' शुरु की थी और अब तो हम हवाई जहाज से भी यात्राएं करा रहे हैं.
"दिल्ली के बाद अब पंजाब में भी मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना लागू होगी"
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार, 6 नवंबर को एक ट्वीट में जानकारी दी कि पंजाब की कैबिनेट बैठक में 'मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना' को मंजूरी दे दी गई है.
"अब आपकी सरकार लोगों को धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए विशेष ट्रेनें और बसें चलाएगी... हम इस योजना को 27 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर शुरू करेंगे, जिसका विवरण जल्द ही साझा किया जाएगा..."
इसी पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए सीएम केजरीवाल ने लिखा, "दिल्ली के बाद अब पंजाब में भी मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना लागू होगी. आना-जाना, रहना-खाना एकदम फ्री होगा. दिल्ली में हम अब तक 75 हजार से ज्यादा लोगों को तीर्थ यात्रा करा चुके हैं. अपने बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराना पुण्य का काम होता है, मुझे खुशी है कि अब पंजाब की जनता की भी इस पुण्य में भागीदारी होगी. इस शानदार फैसले के लिए मान साहब और पंजाब की जनता को बहुत-बहुत बधाई।"
दिल्ली में कब शुरू हुई थी तीर्थ यात्रा की योजना?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना', 12 जुलाई 2019 को केजरीवाल द्वारा शुरू की गई थी. इस योजना के तहत, दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी से सीनियर नागरिकों को तीर्थयात्रा के लिए फ्री यात्रा पैकेज देती है.
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