NRC को लेकर एक बार फिर बयानबाजी तेज हो चुकी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एनआरसी को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में NRC लागू होती है तो सबसे पहले मनोज तिवारी को यहां से जाना होगा. केजरीवाल के बयान देते ही तिवारी का भी रिएक्शन आया और उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है.
दिल्ली में किराएदारों के लिए मुख्यमंत्री किराएदार योजना की घोषणा के बाद सीएम केजरीवाल से एनआरसी पर सवाल पूछा गया. जिसके जवाब में उन्होंने चलते-चलते कहा- ‘अगर दिल्ली में एनआरसी लागू होती है तो सबसे पहले मनोज तिवारी को दिल्ली छोड़कर जाना होगा.’
तिवारी बोले- केजरीवाल ने खोया मानसिक संतुलन
अरविंद केजरीवाल के एनआरसी पर दिए बयान के बाद तिवारी ने एक कदम और आगे बढ़कर उनके मानसिक संतुलन पर ही सवाल खड़े कर दिए. केजरीवाल के बयान के जवाब में उन्होंने कहा,
“मैं पूछना चाहता हूं कि जो भी व्यक्ति पूर्वांचल से है और दिल्ली में रहता है क्या वो घुसपैठिया है? जिसे वो दिल्ली से बाहर निकालना चाहते हैं. जो लोग अन्य राज्यों से आकर दिल्ली में रहते हैं क्या आप उन्हें विदेशी मानते हैं? आप उन्हें दिल्ली से बाहर निकालना चाहते हैं लेकिन आप भी उनमें से एक हैं. अगर उनका यही इरादा है तो मुझे लगता है उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं है. आखिर कैसे एक आआरएस अधिकारी एनआरसी के बारे में नहीं जानता है.”मनोज तिवारी, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष
बता दें कि कुछ ही दिनों पहले दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा था कि दिल्ली में भी एनआरसी लागू होनी चाहिए. उन्होंने कहा था,
‘मेरा मानना है कि दिल्ली में एनआरसी का होना काफी जरूरी है. मेरा पूरा विश्वास है कि जो लोग घुसपैठिए आए हैं और दिल्ली में बस रहे हैं, वो पूरे देश में सबसे ज्यादा खतरनाक हैं. उन पर भी एनआरसी की कार्रवाई होनी ही चाहिए. बीजेपी की तरफ से हमारा यही मत है और समय मिलते ही हम इसको करके रहेंगे.’
अखिलेश ने की थी योगी के बाहर होने की बात
इससे पहले अरविंद केजरीवाल की ही तरह यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और एसपी नेता अखिलेश यादव ने ठीक ऐसा ही बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश में एनआरसी लागू होती है तो सबसे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ को ही प्रदेश छोड़कर जाना होगा. अखिलेश ने कहा था-
"अगर एनआरसी लागू होता है तो उनको (योगी आदित्यनाथ) वापस जाना पड़ेगा. वो उत्तराखण्ड के मूल निवासी हैं. एनआरसी सिर्फ लोगों के बीच डर फैलाने का एक जरिया है पहले फूट डालो राज करो होता था अब ये डर की राजनीति हो गई है. हमने बांटने वाली ताकतों को निकाल फेंका है. अब हम लोगों को जागरुक करेंगे और ये लोग सरकार से बाहर हो जाएंगे.’’
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