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"कोई पार्टी ज्वाइन नहीं कर रहा", दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद अरविंदर सिंह लवली

Arvinder Singh Lovely Resigns: अरविंदर सिंह लवली को पिछले साल अगस्त में दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था.

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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के बीच कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely Resigns) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के नाम अपने त्याग पत्र में लवली ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफे की वजह भी बताई है. उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर नाराजगी जाहिर की है. इसके साथ ही पत्र में AICC महासचिव (दिल्ली प्रभारी) के साथ मतभेदों का भी जिक्र किया है.

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इस्तीफे के बाद क्या बोले लवली?

बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए लवली ने कहा, "मैंने केवल दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया है और मैं किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहा हूं." इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मैं अपना अगला कदम तय करने के लिए पार्टी सदस्यों के साथ इस मामले पर चर्चा करूंगा."

इसके साथ ही उन्होंने कहा, उनका इस्तीफा इस बात से दुखी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दर्द को दर्शाता है कि "पिछले सात से आठ वर्षों के दौरान वो जिन आदर्शों के लिए लड़ रहे थे" उनसे समझौता किया जा रहा है.

लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में AAP के साथ पार्टी के गठबंधन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,

"हम साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कभी नहीं कहा कि हम उन्हें क्लीन चिट दे रहे हैं या स्कूल और अस्पताल बनाने का श्रेय दे रहे हैं, जो वास्तविकता से बहुत दूर है."

अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफे की क्या वजह बताई? 

अरविंदर लवली ने इस्तीफा देते हुए पत्र में लिखा, "मैं खुद को अपंग और दिल्ली पार्टी इकाई का अध्यक्ष बने रहने में असमर्थ पाते हुए यह पत्र लिख रहा हूं." उन्होंने अपने पत्र में लिखा-

  • "दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए गए सभी सर्वसम्मत निर्णयों को AICC महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा वीटो कर दिया. AICC महासचिव ने मुझे DPCC में कोई वरिष्ठ नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी. मीडिया के रूप में एक अनुभवी नेता की नियुक्ति के लिए मेरे अनुरोध को सिरे से खारिज कर दिया गया."

  • "दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी. जिस पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री इस समय भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं. इसके बाद भी पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया."

  • लवली ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन पर भी सवाल उठाया है. उन्होंन कहा, "पीसीसी, पर्यवेक्षकों और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के विचारों को खारिज करते हुए, 3 सीटों में से उत्तर-पश्चिम दिल्ली और उत्तर-पूर्व दिल्ली की सीटें 2 ऐसे उम्मीदवारों को दे दी गईं, जो दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की नीतियों से पूरी तरह अनजान हैं."

  • कन्हैया कुमार का जिक्र करते हुए अरविंदर सिंह लवली ने लिखा, "उत्तर-पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार (कन्हैया कुमार) दिल्ली के मुख्यमंत्री की झूठी प्रशंसा करते हुए मीडिया में बयान दे रहे हैं, जो कि पार्टी लाइन और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के विश्वास के खिलाफ है.

  • उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार उदित राज पर उन्होंने पार्टी विरोधी बयान देने और स्थानीय कार्यकर्ताओं के अपमान का आरोप लगाया है.

इसके साथ ही पत्र में उन्होंने लिखा,

"31 अगस्त 2023 को मुझे दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं. मैंने पिछले 7-8 महीनों में दिल्ली में पार्टी को फिर से स्थापित करने का भरपूर प्रयास किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी फिर से उसी स्थिति में पहुंच जाए, जैसी कभी थी."
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लवली ने आगे लिखा, "अगस्त 2023 में जब मुझे कार्यभार सौंपा गया था तब पार्टी इकाई किस स्थिति में थी, यह सब जानते हैं. तबसे मैंने कई पार्टी को पुनर्जीवित करने और अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने के लिए कड़ी मेहनत की है."

गौरतलब है कि हाल ही में शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे दिग्गज नेता राजकुमार चौहान ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.

बीजेपी ने क्या कहा?

बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, "एक तरफ PM मोदी के नेतृत्व में मिशन और विजन वाली पार्टी और गठबंधन है और दूसरी तरफ एक ऐसा गठबंधन है जिसके भीतर ही विभाजन, असमंजस है और यह टुकड़े-टुकड़े पार्टी है. आज अरविंदर सिंह लवली ने स्थिति स्पष्ट कर दी है."

"इन्होंने दिल्ली से ऐसे प्रत्याशियों को उतारा जिनका न ही दिल्ली और न ही उनकी पार्टी से कोई वास्ता था... जिस आम आदमी पार्टी का जन्म कांग्रेस को खत्म करते हुए हुआ... जिनके साथ पंजाब में कुश्ती है उनके साथ दिल्ली में मोहब्बत है... इसे जनता समझ रही थी और अब कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता भी इससे तंग आकर अपनी निराशा को बयान कर रहे हैं इसलिए इस गठबंधन में जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कलेश ही चलता है."

बता दें कि राजधानी दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर एक ही चरण में 25 मई को वोटिंग होनी है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रही है. AAP नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ रही है. जबकि कांग्रेस ने चांदनी चौक, उत्तर-पूर्व दिल्ली और उत्तर-पश्चिम दिल्ली पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

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