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राजस्थान: गहलोत गए तो क्या सचिन का रास्ता साफ, पायलट के 'रनवे' पर 3 नाम के रोड़े

Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot: निर्दलीय और बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी एक्टिव नजर आ रहे हैं.

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कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) नामांकन करेंगे. उन्होंने खुद इसका ऐलान किया. लेकिन इससे बड़ा सवाल कि अब राजस्थान (Rajasthan CM) में क्या होगा? सीएम पद किसे मिलेगा? सचिन पायलट (Sachin Pilot) को, या गहलोत के किसी करीबी को? प्रदेश में कौन-कौन से नाम हैं जो पायलट के अलावा लिए जा रहे हैं और वे पार्टी के अंदर अपनी क्या अलग पहचान रखते हैं?

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पहला सवाल- सचिन पायलट के लिए क्या मुश्किल?

ऐसा नहीं है कि सचिन पायलट को सीएम पद नहीं मिल रहा. शायद मिल भी जाए. लेकिन अभी की जो परिस्थितियां दिख रही हैं उसमें सचिन पायलट निर्विरोध नहीं दिख रहें. प्रदेश में पार्टी के अंदर दो धड़े हैं. एक सचिन पायलट का. दूसरा गहलोत का. अभी तक गहलोत ने एक बार भी सीएम पद के लिए सचिन पायलट का नाम नहीं लिया. ऐसे में सचिन के लिए मुश्किल हो सकती है.

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री पद के लिए बार-बार पायलट के नाम की चर्चा होती रही है. लेकिन हर बार विधायकों की रायशुमारी में गहलोत बाजी मारते रहे हैं. पायलट भी इस बात को जानते हैं कि विधायकों की संख्या अपने पक्ष में किए बिना मुख्यमंत्री पद तक पहुंचना आसान नहीं है. ऐसे में पायलट को विधायकों के बीच तगड़ी लॉबिंग करनी पड़ सकती है. सूत्रों की माने तो पायलट ने इसकी शुरुआत भी कर दी है.
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दूसरा सवाल- गहलोत खेमे की तरफ से कौन से नाम हो सकते हैं?

राजस्थान में कांग्रेस सरकार केवल पार्टी के विधायकों के भरोसे नहीं है. निर्दलीय और बसपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायक, सरकार को बनाए रखने में अहम किरदार निभा रहे है. गहलोत के हटने की चर्चा के साथ ही कांग्रेस में उनके समर्थक विधायक तो सक्रिय हैं ही. निर्दलीय विधायक भी मुखर होते नजर आ रहे हैं.

ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री पद को लेकर राजस्थान के विधायकों के बीच एक बार फिर से वही शक्ति प्रदर्शन देखने को मिल सकता है जो सरकार के गठन के समय हुआ था. यह भी माना जा रहा है कि गहलोत खुद या उनका खेमा अपनी तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए नाम आगे करेगा. इनमें शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला (BD Kalla) विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) और संसदीय मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के नामों की चर्चा है. यह तीनों ही संकट काल में गहलोत के साथ खड़े नजर आए हैं वहीं लंबे अर्से से गहलोत के साथ राजनीति में सक्रिय हैं.

शांति धारीवाल- पुराना कांग्रेसी परिवार. गहलोत की हर सरकार में मुख्य पद मिला. तेज तर्रार छवि की वजह से विपक्ष में दबदबा. बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले हाड़ौती में कद्दावर नेता हैं. जैन समाज से आते हैं.

बीडी कल्ला- पुष्करणा ब्राह्मण. गहलोत की हर सरकार में प्रमुख विभागों को संभालते दिखे. छह बार से विधायक हैं. गहलोत के यस मैन माने जाते है.

डॉ.सीपी जोशी- संगठन के साथ लम्बे अर्से से राजनीति कर रहे हैं. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व तक उनकी अलग पहचान है. केन्द्रीय मंत्री भी रहे हैं. तेज तरोर्ट व स्वच्छ छवि के नेता माने जाते हैं. अभी हाल में गहलोत सरकार पर आए संकट को टालने में पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाई.

इनपुट- पंकज सोनी

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