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राजस्थान: मंत्रियों में विभागों के बंटवारे में गहलोत की ही चली

राजस्थान में नए मंत्रीमंडल का बंटवारा हो गया है, अशोक गहलोत ने अपने पास रखे 9 मंत्रालय.

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राजस्थान में मंत्रियों में विभागों के बंटवारे से साफ है कि इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ही सबसे ज्यादा चली है. बंटवारे के बाद वो सचिन पायलट के मुकाबले और ज्यादा मजबूत होकर उभरे हैं.

मुख्यमंत्री गहलोत ने वित्त और गृह समेत 9 विभाग अपने पास रखे हैं. उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पीडब्लूडी समेत पांच विभाग मिले हैं. मंत्रियों को जिम्मेदारी देने में इतना वक्त लगा इसलिए अटकलें लगाई जा रही थीं कि पायलट और गहलोत के बीच बंटवारे को लेकर मतभेद हैं.

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राजस्थान की नई सरकार के 23 मंत्रियों ने सोमवार को शपथ ली थी. इसके बाद दो दिन तक इनके विभागों को लेकर नई दिल्ली में मुख्यमंत्री गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय पांडे, ऑब्जर्वर के सी वेणुगोपाल के साथ कई दौर की चर्चा हुईं.

अशोक गहलोत के विभाग

  • वित्त और गृह
  • आबकारी
  • नीति आयोजन
  • कार्मिक और सामान्य प्रशाासन

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट

  • पीडब्लूडी
  • ग्रामीण विकास
  • पंचायती राज
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी
  • सांख्यिकी

बी डी कल्ला

  • ऊर्जा
  • जनस्वास्थ्य
  • इंजीनियरिंग
  • भूजल

शांति धारीवाल

  • स्वायत्त शासन
  • नगरीय विकास
  • आवास
  • कानून
  • संसदीय मामले

नए गाय मंत्री प्रमोद जैन भाया

देश का पहला गाय मंत्रालय वसुंधरा राजे की बीजेपी सरकार के वक्त शुरु हुआ था. गहलोत ने भी इसे तरजीह देते हुए कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. जैन के पास इसके अलावा खान मंत्रालय भी होगा

वरिष्ठ नेता मास्टर भंवर लाल

सामाजिक न्याय और अधिकारिता और आपदा प्रबंधन

लाल चंद कटारिया

कृषि, पशुपालन और मछली पालन विभाग

रघु शर्मा

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद, व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग

राष्ट्रीय लोकदल के सुभाष गर्ग को भी बनाया मंत्री

सुभाष गर्ग को तकनीकी शिक्षा, संस्कृति विभाग (स्वतंत्र प्रभार)

(इनपुट भाषा)

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विधायकों में नाराजगी


पहले मंत्रिमंडल विस्तार और फिर उनको विभागों के बंटवारे में देरी से साफ है कि गहलोत और पायलट के बीच कई मामलों पर अभी भी थोड़ा बहुत विवाद है. हालांकि पायलट के मुताबिक मंत्रिमंडल संतुलित है और इसमें कुछ लोगों को और शामिल किया जा सकता है.

कांग्रेस के सीपी जोशी, हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया और राजेंद्र पारीक जैसे वरिष्ठ नेताओं को मौजूदा मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई है. जोशी और शेखावत तो मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त आए भी नहीं.

राजस्थान में मुख्यमंत्री सहित 30 मंत्री बन सकते हैं और अब तक मंत्रिमंडल में 25 सदस्य हो गए हैं यानी सिर्फ 5 मंत्री बनाने की गुंजाइश ही बची है.

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