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असम-मिजोरम सीमा पर फिर से तनाव, अब सड़क को लेकर हुआ विवाद

Mizoram ने Assam द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक सड़क के निर्माण पर आपत्ति जताई

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असम और मिजोरम (Assam-Mizoram) पुलिस के बीच भीषण सीमा विवाद को लेकर झड़प के एक महीने बाद फिर तनाव बढ़ गया है. पिछले महीने के हिंसा स्थल के करीब एक अन्य सीमावर्ती क्षेत्र खुलिचरा (Khulichara) में 26 अगस्त से एक नया गतिरोध चल रहा है.

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क्या है ताजा विवाद?

ताजा विवाद तब शुरू हुआ जब मिजोरम के अधिकारियों ने असम द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत खुलिचरा में एक सड़क के निर्माण पर आपत्ति जताई. इस बीच, असम ने आरोप लगाया कि राज्य की सीमा के दूसरी ओर के स्थानीय लोगों ने परेशानी पैदा की है.

असम पुलिस के अनुसार, मिजोरम की ओर से हथियारबंद लोगों के एक समूह ने निर्माण श्रमिकों को रोकने की कोशिश की, जो अंतर-राज्य के साथ खुल्लीचरा गांव में सड़क का निर्माण कर रहे थे.

खुलिचरा, लैलापुर से लगभग 12 किमी दूर है, जहां पिछले महीने हुई झड़प में असम के छह पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और दो घंटे तक चली लंबी मुठभेड़ में 45 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

मिजोरम के ग्रह मंत्री का असम पुलिस पर आरोप

मिजोरम के गृहमंत्री लालचमलियाना ने असम पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि असम पुलिस ने वैरेंगटे ऑटो-रिक्शा स्टैंड पर CRPF कर्मियों के ड्यूटी पोस्ट को जबरन पार किया और मिजोरम पुलिस के एक ड्यूटी पोस्ट को पलट दिया. उन्होंने कहा कि असम पुलिस ने मिजोरम पुलिस पर आंसू गैस के गोले दागे जिसके बाद मिजोरम पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की.

इससे पहले मिज़ोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने ट्विटर पर लिखा था कि असम पुलिस ने मिजोरम में नागरिकों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. दोनों मुख्यमंत्रियों ने बातचीत के जरिये इसका हल निकालने को कहा था.

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दोनों राज्यों के बीच क्यों है सीमा विवाद?

असम और मिजोरम के बीच 165 किलोमीटर की सीमा है. एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये विवाद सदियों पुराना है जब मिजोरम को असम के एक जिले लुशाई हिल्स के रूप में जाना जाता था.

असम में तीन जिले - कछार, हैलाकांडी और करीमगंज - मिजोरम के तीन जिलों के साथ 164 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं. दोनों राज्य एक-दूसरे की जमीन पर घुसपैठ के आरोप लगाते रहते हैं.

विवाद 1875 की एक अधिसूचना से उपजा है, जो लुशाई पहाड़ियों को कछार के मैदानी इलाकों से अलग करता है, और दूसरा 1933 में, जो लुशाई पहाड़ियों और मणिपुर के बीच की सीमा का सीमांकन करता है.

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मिजोरम के एक मंत्री ने पिछले साल द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि मिजोरम का मानना है कि सीमा का सीमांकन 1875 की अधिसूचना के आधार पर किया जाना चाहिए, जो बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (BEFR) एक्ट, 1873 से लिया गया है.

मिजो नेताओं ने इससे पहले, 1933 अधिसूचना के तहत सीमांकन के खिलाफ तर्क दिया है, क्योंकि इसमें मिजो समाज से सलाह नहीं ली गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, असम सरकार 1933 के सीमांकन का पालन करती है, और यही संघर्ष का मुद्दा था.

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