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राम मंदिर भूमि पूजन: केजरीवाल से लेकर ओवैसी तक, किसने क्या कहा

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का ‘भूमि पूजन और कार्यारंभ’ कार्यक्रम

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अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के 'भूमि पूजन और कार्यारंभ' कार्यक्रम पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं.

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केजरीवाल ने 5 अगस्त को ट्वीट कर कहा, ''भूमि पूजन के मौके पर पूरे देश को बधाई. भगवान राम का आशीर्वाद हम पर बना रहे. उनके आशीर्वाद से हमारे देश को भुखमरी, अशिक्षा और गरीबी से मुक्ति मिले और भारत दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बने. आने वाले समय में भारत दुनिया को दिशा दे. जय श्री राम! जय बजरंग बली!''

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और एसपी नेता अखिलेश यादव ने कहा, ''जय महादेव जय सिया-राम. जय राधे-कृष्ण जय हनुमान. भगवान शिव के कल्याण, श्रीराम के अभयत्व और श्रीकृष्ण के उन्मुक्त भाव से सब परिपूर्ण रहें! आशा है वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियां भी मर्यादा पुरूषोत्तम के दिखाए मार्ग के अनुरूप सच्चे मन से सबकी भलाई व शांति के लिए मर्यादा का पालन करेंगी.''

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''अयोध्या जी में भगवान रामलला के मंदिर का “शिलान्यास” वेद द्वारा स्थापित ज्योतिष शास्त्र की स्थापित मान्यताओं के विपरीत हो रहा है, हे प्रभु हमें क्षमा करना. यह निर्माण निर्विघ्न रूप से पूरा हो यही हमारी आप से प्रार्थना है. जय सिया राम.''

बीएसपी चीफ मायावती ने कहा, ''जैसा कि सर्वविदित है कि अयोध्या विभिन्न धर्मों की पवित्र नगरी और स्थली है, लेकिन दुख की बात यह है कि यह स्थल राम-मन्दिर और बाबरी-मस्जिद जमीन विवाद को लेकर काफी वर्षों तक विवादों में भी रहा है. लेकिन इसका माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अंत किया. साथ ही, इसकी आड़ में राजनीति कर रही पार्टियों पर भी काफी कुछ विराम लगाया. कोर्ट के फैसले के तहत ही आज राम मंदिर निर्माण की नींव रखी जा रही है, जिसका काफी कुछ श्रेय सुप्रीम कोर्ट को ही जाता है''

बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा, ‘’अयोध्या ने सभी को एक कर दिया है. अब ये देश पूरी दुनिया में अपना माथा ऊंचा उठाकर कहेगा कि हमारे यहां कोई भेद-भाव नहीं है.’’

इस बीच, एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने 5 अगस्त को ट्वीट कर कहा, ''बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी..'' बाबरी मस्जिद को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का भी बयान आया है.

बोर्ड के महासचिव हजरत मौलाना मुहम्मद वली रहमानी ने कहा है कि यह हमेशा से हमारा स्टैंड रहा है कि बाबरी मस्जिद किसी भी मंदिर या किसी हिंदू पूजा स्थल को ध्वस्त करके नहीं बनाई गई थी. उन्होंने कहा, "चूंकि सुप्रीम कोर्ट देश की सर्वोच्च अदालत है इसलिए उसके अंतिम निर्णय को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.''

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