गुजरात के भरूच से बीजेपी सांसद मनसुख वसावा ने गुरुवार को दावा किया कि राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ‘हमारे पक्ष में’ फैसला इसलिए दिया, क्योंकि केंद्र में बीजेपी की सरकार है.
कांग्रेस ने इसकी निंदा की है और वसावा से माफी मांगने को कहा है. कांग्रेस ने वसावा पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया है. हालांकि, वसावा ने बाद में कहा कि वह केवल यह बताना चाह रहे थे कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी सरकार (केंद्र में) किस तरह कानून व्यवस्था को संभालने में सफल रही.
बीजेपी सांसद के किस बयान पर छिड़ा विवाद?
भरूच में गुरुवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी सांसद वसावा ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट को हमारे पक्ष में ही फैसला देना था क्योंकि केंद्र में बीजेपी की सरकार है.’
उन्होंने कहा-
“राम जन्मभूमि मुद्दा बहुत पुराना था. इतने साल गुजर गए. यहां तक की भारत की स्वतंत्रता के पहले से राम जन्मभूमि आंदोलन चल रहा था. बहुत से लोग शहीद हुए और बहुत सारे लोगों ने (विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण को लेकर) आंदोलन में भाग लिया.”
कांग्रेस ने की माफी की मांग
शुक्रवार को बीजेपी सांसद के भाषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. भरूच कांग्रेस अध्यक्ष परिमल सिंह राणा ने वसावा को आड़े हाथ लेते हुए उनसे माफी की मांग की.
“यह दावा कर कि फैसला इसलिए दिया क्योंकि केंद्र में बीजेपी है, क्या वसावा सांप्रदायिक तनाव भड़काना चाहते थे? हम उनके बयान की निंदा करते हैं और उनसे माफी की मांग करते हैं.”परिमल सिंह राणा, कांग्रेस नेता
विवाद छिड़ने पर वसावा ने दी सफाई
बाद में शुक्रवार को वसावा ने विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि वह केवल यह रेखांकित कर रहे थे फैसले के बाद बीजेपी ने किस तरह से कानून व्यवस्था की स्थिति संभाली.
उन्होंने कहा “आप इसकी कल्पना कर सकते हैं कि अगर बीजेपी उत्तर प्रदेश और केंद्र में सत्ता में नहीं होती तो क्या स्थिति होती? कई स्थानों पर हिंसा भड़क सकती थी, लेकिन जबसे बीजेपी सत्ता में है ऐसी कोई घटना नहीं हुई. बीजेपी की सरकार होने के कारण फैसला आने के बाद माहौल शांतिपूर्ण रहा.”
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