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Azam Khan हेट स्पीच मामले में बरी, जिसने की शिकायत अब वो रामपुर से विधायक

आजम खान के ऊपर दर्ज कुल 87 मुकदमों में से 43 रामपुर से वर्तमान विधायक आकाश सक्सेना ने ही दर्ज करवाए हैं.

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनको हेट स्पीच (Hate Speech) देने के आरोप से बरी कर दिया है. एक एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 27 अक्टूबर, 2022 को मामले में रामपुर सदर सीट से एसपी के तत्कालीन विधायक आजम खान को सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद आजम खान को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

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किस मामले में गई थी आजम खान की विधायकी?

आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया कि यह 185/2019 क्राइम नंबर का मुकदमा था जिसकी अपील की गयी थी. हमें लोअर कोर्ट से सजा मिली थी. आज अपील में कोर्ट में कहा कि निचली अदालत का फैसला गलत था. हेट स्पीच मामले में जितने भी सेक्शन थे, उन सब में हमें बाइज्जत बरी कर दिया गया है. हमें खुशी है कि हमें इंसाफ मिल गया है.

विनोद शर्मा ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपना केस साबित नहीं कर पाया और हमें झूठा फंसाया गया था. कोर्ट में हमारी बात मानी गई.

आजम खान को इस मामले में एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) की कोर्ट ने 27 अक्तूबर 2022 को तीन साल सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी.

सजा के खिलाफ आजम खान ने सेशन कोर्ट में अपील की थी. बुधवार को मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में हुई. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आजम खान को नफरती भाषण देने के आरोप से मुक्त कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले में 70 पेज में अपना फैसला सुनाया है.

आजम खान की विधायकी बहाल नहीं होगी

सेशन कोर्ट के फैसले से आजम खान को बड़ी राहत मिली है, लेकिन उनकी विधायकी बहाल नहीं होगी. छजलैट प्रकरण के मुकदमे में भी मुरादाबाद की कोर्ट ने आजम खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी चली गई थी. यानी उनकी तरह ही उनके पिता आजम खान अभी भी चुनावी प्रक्रिया और विधायकी से दूर रहेंगे.

रामपुर से मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना ने की थी शिकायत 

हेट स्पीच से जुड़ा यह मामला 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है. कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थी. इसकी शिकायत बीजेपी नेता और रामपुर सीट से मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना ने की थी. उन्होंने दिसंबर 2022 में हुए विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार असीम राजा को 33,000 से वोटों से हराया था. असीम राजा को आजम खान का करीबी माना जाता है.

आकाश सक्सेना ने ही अब्दुल्ला के फर्जी प्रमाण पत्र का मामला उठाया था. आजम खान के ऊपर दर्ज कुल 87 मुकदमों में से 43 आकाश ने ही दर्ज करवाए हैं.

आकाश सक्सेना ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए भारतीय जनता पार्टी के लघु-स्तरीय उद्योग प्रकोष्ठ के संयोजक के रूप में कार्य किया है. आकाश सक्सेना इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, रामपुर के अध्यक्ष थे.

रामपुर में समाजवादी पार्टी के आजम खान ने 2022 विधानसभा चुनाव में आकाश को हराकर जीत हासिल की थी. आजम खान ने आकाश सक्सेना को 55 हजार 141 वोटों से हराया था.

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