समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से विधायक आजम खान को MP-MLA कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आजम खान के अलावा अन्य दो लोगों को भी तीन-तीन साल की जेल और 2000 रुपए का जुर्माना लगाया है. क्या आजम खान की विधायकी जा सकती है? कोर्ट के फैसले को आजम खान कहां-कहां चुनौती दे सकते हैं? आइए समझते हैं?
क्या कहता है कानून?
दरअसल, जनप्रतिनिधियों के लिए बने कानून के मुताबिक अगर किसी विधायक को दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो फिर उसकी सदस्यता चली जाती है. आजम खान के लिए यही बहुत बड़ा संकट है.
इससे पहले अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा से बीजेपी के विधायक खब्बू तिवारी को अपनी विधायकी गवानी पड़ी थी, क्योंकि उन्हें कोर्ट ने दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई थी.
आजम खान के पास क्या है विकल्प?
कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में आजम खान को 3 साल की जेल की सजा सनाई है. लेकिन, उनके पास अभी भी कुछ विकल्प बचे हैं. अभी MP-MLA कोर्ट ने सजा सुनाई है, इस सजा को आजम खान निचली अदालत में चुनौती दे सकते हैं. वहां पर उन्हें एक जमानत याचिका दायर करनी होगी. अगर याचिका स्वीकार हुई तो जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो सकता है, लेकिन अगर याचिका खारिज हुई तो ऐसी स्थिति में आजम खान को हाई कोर्ट का रुख करना पड़ेगा.
क्या है मामला?
हेट स्पीच का यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है. कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं. इसकी शिकायत बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने की थी. इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार दिया है.
भाषण के दौरान आजम खान ने क्या बोला था?
"मोदी जी आपने हिन्दुस्तान में ऐसा माहौल बना दिया कि मुसलमानों का जीना दूभर हो गया है. जो कांग्रेस का कैण्डिडेट खड़ा हुआ है वह सिर्फ मुसलमानों में वोट न मांगे कुछ हिन्दू भाइयों में भी जाकर वोट मांगे. सारा दिन मुसलमानों में वोट मांग रहे हो ताकि मुसलमानों का वोट काटकर भाजपा को जीता सको."
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