उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव (Azamgarh Loksabha By-Election) को लेकर राजनीतिक गलियारा सरगर्म है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के इस्तीफे से खाली हुई इस सीट से सुशील आनंद (Sushil Anand) को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा शुक्रवार, 3 जून को तेज हुई जब समाजवादी पार्टी के स्थानीय वाट्सऐप ग्रुप से इसकी सूचना दी गयी. अभी चर्चाओं का सिलसिला जारी ही था कि फिर अचानक खबर आई कि SP ने अभी अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है.
सुर्खियों में कैसे आए सुशील आनंद?
समाजवादी पार्टी के स्थानीय वाट्सऐप ग्रुप ने दोपहर करीब 3.30 बजे मैसेज कर सूचना दी गयी कि सुशील आनंद को समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ से लोकसभा उपचुनाव में अपना उमीदवार बनाया है.
सुशील आनंद को टिकट देने की खबर ने जनपद की राजनीति में हलचल मचा दी. चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. जहां लोगों द्वारा समाजवादी पार्टी के फैसले पर हैरानी हुई तो वहीं चौराहों पर यह भी कहा जाने लगा कि SP ने उपचुनाव में वाकओवर दे दिया.
अभी चर्चाओं का सिलसिला जारी ही था कि फिर अचानक खबर आई कि SP ने अभी अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं किया है. समाजवादी पार्टी के स्थानीय वाट्सऐप ग्रुप से जारी मैसेज डिलीट कर दिया गया.
दुबारा ग्रुप में एक नया मैसेज पोस्ट किया गया कि सूत्रों के हवाले से चलाया जा रहा है कि सुशील आनंद पुत्र स्व बलिहारी जी को लोकसभा उपचुनाव का प्रत्याशी बनाया गया है, लेकिन अभी प्रदेश पार्टी फोरम से कुछ जारी नहीं हुआ है, जारी होते ही सूचना दी जाएगी’.
समाजवादी पार्टी के आजमगढ़ जिला अध्यक्ष हवलदार यादव ने भी कहा है कि अभी सुशील आनंद का नाम घोषित नहीं हुआ है. जो भी पार्टी का उम्मीदवार होगा, उसके नाम का कल एलान होगा.
सुशील आनंद: पिता बलिहारी बाबू की राजनीतिक जमीन पर लड़ने को तैयार
राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि BSP के संस्थापक सदस्य के बेटे सुशील आनंद को उतार कर अखिलेश यादव ने लोकसभा उपचुनाव में दलित चेहरे पर दांव खेलेंगे है. आजमगढ़ सीट से BSP ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है. दूसरी तरफ बीजेपी ने अबतक अपना पत्ता नहीं खोला है. हालांकि बीजेपी के संभावित उम्मीदवार के रूप में भोजपुरी स्टार दिनेश लाल 'निरहुआ' का नाम आगे चल रहा है.
BSP के संस्थापक सदस्य बलिहारी बाबू का जब पार्टी से मोहभंग हुआ था तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था. इसके बाद साल 2020 में वे फिर पाला बदलकर SP की साईकिल पर सवार हो गए. कोरोना काल में 28 अप्रैल 2021 उनका निधन हो गया था.
हाल ही में अखिलेश यादव जब फूलपुर में पूर्व MLA श्याम बहादुर यादव की मां की तेरहवीं में आजमगढ़ पहुंचे थे तो उन्होंने बाद में सुशील से उनके घर मुलाकात भी की थी. सुशील कुमार आनंद 2010 में फूलपुर से ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं.
आजमगढ़: विधानसभा में सभी 10 सीट पर कब्जा, फिर फूंक कर कदम क्यों रख रही SP?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ जिले की सभी दस विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में कई विश्लेषकों को मानना था कि इस लोकसभा सीट को सेफ मानते हुए अखिलेश यादव इस सीट से अपनी पत्नी डिंपल यादव को उम्मीदवार बना सकते हैं. हालांकि अब सुशील आनंद का नाम सबको चौका रहा है.
दूसरी तरफ BSP उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली भी कई घाट का पानी पी चुके हैं. आजमगढ़ के बड़े व्यापारी गुड्डू जमाली 2012 और 2017 में BSP के टिकट पर मुबारकपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं. मनमुटाव के बाद उन्होंने 25 नवंबर 2021 को BSP से इस्तीफा देकर SP ज्वाइन कर ली. जब वहां से टिकट नहीं मिला तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़े और हारे. फिर उनकी BSP में 'घरवापसी' हुई और वो अब आजमगढ़ से उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार हैं.
गुड्डू जमाली को मैदान में उतारकर BSP ने मुस्लिम वोट बैंक को साधने की रणनीति बनाई है, ऐसे में समाजवादी पार्टी सुशील आनंद को उतार कर दलित वोट को अपने पाले में करना चाहेगी. ऐसे में देखने वाली बात होगी की बीजेपी अपने पत्ते कब खोलती है. बता दें कि आजमगढ़ उप चुनाव में 23 जून को वोटिंग होनी है.
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