पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) ने राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया है. अपने फेसबुक पेज पर सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की. केंद्रीय कैबिनेट से बाहर किए जाने के बाद से ही बाबुल सुप्रियो के राजनीति छोड़ने की चर्चा थी.
सुप्रियो ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया है कि उन्हें किसी और राजनीतिक पार्टी ने नहीं बुलाया है. सुप्रियो ने लिखा, "अलविदा. मैं किसी और पार्टी में नहीं जा रहा हूं. TMC, CPI(M), कांग्रेस किसी ने मुझे नहीं बुलाया है."
सुप्रियो ने अपने पोस्ट में कहा कि 'मैंने कुछ लोगों की मदद की है और कुछ को निराश किया है.' दो बार के सांसद बाबुल सुप्रियो उन 12 मंत्रियों में से थे, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट फेरबदल में बाहर किया गया था.
पश्चिम बंगाल चुनाव में सुप्रियो तृणमूल कांग्रेस के अरूप बिस्वास से हार गए थे. बंगाल में बीजेपी की बड़ी हार के बाद से ही बाबुल सुप्रियो के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे थे.
सांसद पद से भी इस्तीफा
बाबुल सुप्रियो ने बंगाली में लिखे अपने लंबे फेसबुक पोस्ट में कहा है कि वो आवंटित सरकारी आवास एक महीने में छोड़ देंगे और वो सांसद पद से भी इस्तीफा दे रहे हैं. सुप्रियो ने कहा, "राजनीति में रहकर सामाजिक कार्य करना मुमकिन नहीं है."
"पिछले कुछ दिनों में मैं अमित शाह और जेपी नड्डा जी के पास गया और उन्हें बताया कि मैं क्या महसूस कर रहा हूं. मैं उनका प्यार कभी नहीं भूल सकता और इसलिए उनके पास नहीं जा सकता. मेरी हिम्मत नहीं उनके पास जाकर ये कहूं."बाबुल सुप्रियो
सुप्रियो ने कहा, "मैंने काफी पहले ही फैसला कर लिया था तो अब उनके पास जाऊंगा तो लगेगा कि मैं मोलभाव कर रहा हूं और जब ये ठीक नहीं है तो मैं नहीं चाहता उन्हें गलत संकेत मिले. मैं प्रार्थना करूंगा कि वो मुझे गलत न समझें."
केंद्र की बीजेपी सरकार के पहले कार्यकाल में बाबुल सुप्रियो नवंबर 2014 से जुलाई 2016 तक अर्बन डेवलपमेंट और हाउसिंग के केंद्रीय राज्य मंत्री थे. जुलाई 2016 से मई 2019 तक सुप्रियो हैवी इंडस्ट्रीज और पब्लिक एंटरप्राइज के केंद्रीय राज्य मंत्री रहे थे.
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