मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में चल रहे ओबीसी (OBC) आरक्षण आंदोलन में भाग लेने के लिए पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Aazad) को एयरपोर्ट पहुंचते ही हिरासत में ले लिया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस एयरपोर्ट पर उनका इंतजार कर रही थी और वो जैसे ही बाहर निकले उनको हिरासत में लिया गया.
भीम आर्मी एकता मिशन के पूर्व स्टेट इंचार्ज सुनील अस्तेय ने ट्वीट करते हुए चन्द्रशेखर के हिरासत में होने की जानकारी दी.
इसके अलावा आदिवासी संगठन जयस के प्रदेश अध्यक्ष अंतिम मुजाल्दे को देवास के सोनकच्छ में कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लिया गया.
पंचायत चुनाव में ओबीसी का आरक्षण निरस्त होने से नाराज ओबीसी महासभा ने आज भोपाल में सीएम हाउस घेरने की कोशिश की. इस दौरान बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया.
इसके अलावा एक दिन पहले ही पुलिस ने ज्यादातर ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों को नजर बंद कर दिया था.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि ओबीसी महासभा द्वारा पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करने की मांग को लेकर आज भोपाल में प्रदर्शन की पूर्व से ही घोषणा की गयी थी. लेकिन पता नही शिवराज सरकार को ओबीसी वर्ग से परहेज क्यों , सरकार उनके दमन पर क्यों उतारू हो गयी है.
‘बीजेपी संगठनों के लिए छूट लेकिन ओबीसी वर्ग के आयोजन पर रोक’
कमलनाथ ने कहा कि पहले ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों और इस वर्ग के लोगों को नाकेबंदी कर भोपाल आने से रोका गया और अब उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है, उनका दमन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आंदोलन को कुचलने का काम किया जा रहा है, उनके साथ मारपीट की जा रही है और यह सब खुद को इस वर्ग की हितैषी बताने वाली सरकार में हो रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि ओबीसी वर्ग, दलित वर्ग, आदिवासी वर्ग का कितना भी दमन कर लो, यह वर्ग अपने हक की मांग को लेकर संघर्ष करता रहेगा. यह डरने-दबने वाला नही है, कांग्रेस इन वर्गों के साथ खड़ी है और इनके हित, उत्थान व कल्याण के लिये हम सदैव संकल्पित हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक ओबीसी संगठनों के प्रदर्शन करने को लेकर घोषणा करने के बाद रविवार को मध्यप्रदेश पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.
ओबीसी संगठनों के कुछ वर्कर्स एमएलए रेस्ट हाउस के पास आए हुए थे, जिनको पुलिस के द्वारा बसों में भर कर दूसरी जगह ले जाया जा रहा है.
बता दें कि नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म करने के बाद ओबीसी संगठनों के द्वारा 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते हुए प्रदर्शन कि जा रहे हैं.
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