उत्तर प्रदेश के उन्नाव कांड में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही तीसरी किशोरी से मिलने भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर सोमवार को कानपुर पहुंचे. मगर उन्हें बीच में रोककर जाने नहीं दिया गया. इस दौरान वह धरने पर बैठे. वहां मौजूद उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की. प्रशासन ने पीड़िता के भाई से मुलाकात करवाई तब जाकर चन्द्रशेखर ज्ञापन देकर वापस लौटे.
चंद्रशेखर ने क्या-क्या कहा?
इस दौरान चंद्रशेखर ने कहा, "उन्नाव कांड में जो तीसरी किशोरी 17 फरवरी की रात से जिंदगी के लिए जंग लड़ रही है, मैं उससे मिलने आया हूं. हम शुरूआत से ही मांग कर रहे हैं कि पीड़िता किशोरी को एम्स भेज दिया जाए. यहां उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में रखा गया है, जबकि सरकार और पुलिस सरकारी हॉस्पिटल का मेडिकल मानती है."
“इसलिए मैं इतने दिनों तक इंतजार करने के बाद आया कि अपनी बहन से मिल लूं और पीड़ित परिवार से मिलकर उनकी तकलीफें जान सकूं. मैंने यहां के डीएम से बात की तो उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार ने हमसे कहा ही नहीं कि एम्स भेज दो.”
चंद्रशेखर ने कहा मैं ये जानना चाहता हूं कि अगर बच्ची की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सक्रिय है तो क्या वह पीड़ित परिवार की रजामंदी का इंतजार करेगा? क्या पीड़ित परिवार की रजामंदी के बाद उसे निजी हॉस्पिटल लाया गया था. पुलिस के रोकने का विरोध करते हुए कहा जितनी पुलिस मुझे रोकने के लिए लगा रखी है इतनी अगर अपराधियों को रोकने के लिए लगाई जाए तो शायद अपराध खत्म हो जाए.
लड़की की सेहत में सुधार
बता दें कि कि यूपी के उन्नाव कांड में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही तीसरी किशोरी की हालत में डॉक्टरों को सुधार दिखा है. रविवार को उसने खाना पीना भी शुरू कर दिया था. पुलिस को उम्मीद है कि सोमवार को किशोरी के मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज किए जा सकेंगे. किशोरी शहर के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है. अब किशोरी का वेंटीलेटर सपोर्ट हटाया गया है. मजिस्ट्रेट के सामने किशोरी के बयान दर्ज किए जा सकते हैं.
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