कश्मीर (Kashmir) में लगातार बिहार के प्रवासियों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) ने कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा(Manoj Sinha) को फोन मिला हालातों पर चिंता जाहिर की.
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों द्वारा बिहार के रहने वाले राजा ऋषिदेव और योगेंद्र ऋषिदेव की हत्या कर दी गयी थी, जिसपर बिहार के मुख्यमंत्री ने शोक जाहिर किया.
इस हमले में बिहार के एक और प्रवासी चुनचुन ऋषिदेव घायल हो गए थे ,मुख्यमंत्री ने उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की.
नीतीश कुमार ने किया मदद का ऐलान
कश्मीर के उपराज्यपाल से बात करने के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दोनों मृतक के परिवार वालों को मुख्यमंत्री रहत कोष से दो-दो लाख रूपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है.
इसके साथ ही श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नियमानुसार अन्य लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
आपको बता दें कि, पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में रह रहे प्रवासियों को आतंकवादियों द्वारा लगातार निशाना बनाया जा रहा है. इससे पहले भी आतंकवादियों द्वारा बिहार के अरविन्द कुमार की भी इसी तरह से हत्या कर दी गई थी. वो गोल गप्पे बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे.
तेजस्वी यादव ने केंद्र और राज्य सरकार पर साधा निशाना
कश्मीर में हुई घटना को लेकर जहां एक और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दुःख जाहिर किया तो वहीं लगे हाथो केंद्र और राज्य सरकार को कसूरवार भी ठहराया.
नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए राजद (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने लिखा
कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा आज फिर बिहार के दो श्रमवीरों को मौत के घाट उतारने की दुखद खबर सुन मर्माहत हूं. यह डबल इंजन सरकार की इंटेलिजेंस व सिक्योरिटी फ़ेल्योर है. नीतीश जी की गलत नीतियों की वजह से रोज़ी-रोटी के लिए पलायन करने वाले श्रमिकों को अब जान से हाथ धोना पड़ रहा है.तेजस्वी यादव
तेजस्वी यहीं नहीं रुके उन्होंने बिहार में बेरोजगारी पर नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा
बिहारवासियों की नृशंस हत्या के दोषी नीतीश कुमार और उनकी निकम्मी सरकार भी है. अगर एनडीए सरकार ने विगत 16 साल से किए जा रहे 'सुशासन' के दावे के अनुरूप सचमुच रोजगार सृजन पर गम्भीरता से कुछ भी किया होता तो करोड़ों बिहारवासियों को हर वर्ष पलायन और मरने के लिए विवश नहीं होना पड़ता.
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