बिहार चुनाव का ऐलान हुआ नहीं कि असंतोष की लहर हर पार्टी में कमोबेश बहने लगी है. ताजा मामला से सामने आया है जहां अंसतुष्ट कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की और डिप्टी सीएम सुशील मोदी का घेराव किया.ये कार्यकर्ता 'विजय सिन्हा मुर्दाबाद' के नारे लगा रहे थे और लखीसराय विधानसभा क्षेत्र के बताए जा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने सुशील मोदी की गाड़ी रोक दी, पुलिस की मदद के बाद सुशील मोदी को वहां से निकल पाए.
कार्यकर्ताओं की क्या मांग थी?
ये कार्यकर्ता विजय सिन्हा की उम्मीदवारी के खिलाफ प्रदर्शऩ कर रहे थे, इनका कहना है कि लखीसराय से कुमारी बबीता को चुनावी मैदान में उतारा जाना चाहिए क्योंकि पिछले 25 साल से वो उनके साथ काम कर रही हैं.
उधर गिरिराज का महागठबंधन का निशाना
चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन गए जीतनराम मांझी का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने महागठबंधन पर निशाना साधा है. गिरिराज का कहना है,
उपेंद्र कुशवाहा जी ने 3 दिन पहले उस महागठबंधन रूपी गेंद की हवा निकाल दी। उन्होंने खुद ही कह दिया कि नीतीश कुमार से लड़ने का चेहरा तेजस्वी नहीं है। जीतन राम मांझी पहले ही निकल गए, अब कोई बचा ही नहीं.
28 अक्टूबर को पहले चरण की वोटिंग
बता दें कि बयानबाजी के बीच बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो चुका है. तीन चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर को शुरू होगी और 10 नवंबर को रिजल्ट आएंगे. कोरोना काल में देश का पहला विधाननसभा चुनाव होने जा रहा है. चुनाव आयोग ने कोरोना को देखते हुए पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी थी. ऑनलाइन नामांकन भरने से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना जैसे नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा.
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