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बिहार में 'ठाकुर' विवाद: मनोज झा ने पढ़ी कविता, भड़के आनंद मोहन बोले-जुबान खींच लेता

RJD सांसद मनोज झा ने संसद में ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता को सुनाते हुए ठाकुरों का जिक्र किया था.

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महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान RJD सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने संसद में एक कविता पढ़ी थी, अब उस कविता को लेकर बिहार में राजनीति शुरू हो गई है. मनोज झा की ओर से पढ़ी गई उस कविता को एक जाति विशेष और समुदाय से जोड़कर देखा जाने लगा है और उस पर प्रतिक्रिया आनी भी शुरू हो गई है. सबसे बड़ी बात ये है कि मनोज झा के बयान पर RJD विधायक और नेता ही विरोध में उतर आए हैं.

बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे और RJD विधायक चेतन आनंद ने एक वीडियो रिलीज कर मनोज झा पर निशाना साधा है. चेतन ने कहा कि उन्होंने (मनोज झा) ब्राह्मणों के खिलाफ कोई कविता क्यों नहीं पढ़ी, इसलिए कि वो ब्राह्मण हैं. किसी एक विशेष जाति को निशाना बनाना ठीक नहीं है, हम इस अपमान को नहीं सहेंगे.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 21 सितंबर को RJD सांसद मनोज झा ने संसद में ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता को सुनाते हुए ठाकुरों का जिक्र किया था और अंदर के 'ठाकुर' को मारने की अपील की थी.

मनोज झा ने पढ़ी थी ये कविता...

चूल्हा मिट्टी का

मिट्टी तालाब की

तालाब ठाकुर का

भूख रोटी की

रोटी बाजरे की

बाजरा खेत का

खेत ठाकुर का

बैल ठाकुर का

हल ठाकुर का

हल की मूठ पर हथेली अपनी

फसल ठाकुर की

कुआं ठाकुर का

पानी ठाकुर का

खेत-खलिहान ठाकुर के

गली-मुहल्ले ठाकुर के

फिर अपना क्या?

गांव?

शहर?

देश?

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मनोज झा के खिलाफ उतरे RJD + JDU + BJP के ठाकुर

मनोज झा के खिलाफ ठाकुर समाज के नेताओं (RJD + JDU + BJP) ने मोर्चा खोल दिया है. हालांकि ये हंगामा मनोज झा के 21 सितंबर के बयान के करीब एक हफ्ते बाद आया है. इसके मायने भी अलग-अलग तरीके से निकाले जा रहे हैं. ये भी पूछा जा रहा है कि किया इसके पीछे कुछ छिपी राजनीति है, क्योंकि मनोज झा के बयान के तुरंत बाद ठाकुर समाज के नेताओं का बयान क्यों नहीं आए? एक हफ्ते गुजर जाने के बाद क्यों विरोध शुरू हुआ?

वहीं इस बयान की वजह पटना की गलियों में कुछ और भी बताए जा रहे हैं. दरअसल, सूत्रों की मानें तो कुछ दिनों पहले आनंद मोहन लालू यादव से मिलने लालू-राबड़ी के 10 सर्कुलर आवास पहुंचे थे. लेकिन उनकी गाड़ी के लिए राबड़ी आवास का दरवाजा नहीं खुला. फिलहाल दरवाजा न खुलने की नाराजगी को लेकर किसी भी पक्ष से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

मनोज झा के बयान पर किसने क्या कहा?

बिहार के ठाकुर समाज के नेता आनंद मोहन ने मनोज झा के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में आनंद मोहन ने यहां तक कह दिया कि अगर मैं उस वक्त राज्यसभा में होता तो उनकी जीभ खींचकर आसन (सभापति) की तरफ उछाल देता.

उन्होंने कहा...

"मनोज झा हमारे अंदर के ठाकुर को मारने की बात करते हैं. आप ठाकुरों को कहां-कहां से हटाएंगे, पहले आप अपने अंदर के ब्राह्मण को मारें."

वहीं, RJD विधायक और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने मनोज झा के बयान का पुरजोर विरोध किया है. चेतन आनंद ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह मनोज झा के विचारों का पुरजोर विरोध करते हैं. बुधवार को उन्होंने फेसबुक लाइव किया और कहा कि मनोज झा ब्राह्मणों पर कविता क्यों नहीं सुनाते हैं? वो जनता से माफी मांगें. हम चूड़ी पहनकर नहीं बैठेंगे.

RJD ने अपने ट्विटर हैंडल से मनोज झा का भाषण शेयर करते हुए लिखा है कि "दमदार और शानदार".

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JDU के एमएलसी और एक प्रवक्ता ने भी मनोज झा के बयान की निंदा की है. JDU प्रवक्ता डॉक्टर सुनील सिंह ने कहा...

जिस उपमा का वह (मनोज झा) उदाहरण दे रहे हैं, उसमें तो यह भी कहा गया है की यदि करैत सांप और मिथिला ब्राह्मण दिखे तो पहले मिथिला ब्राह्मण को ही मारना चाहिए.

बीजेपी ने खामियाजा भुगतने की बात कही

वहीं, BJP को आरजेडी पर हमला बोलने का एक मुद्दा मिल गया है. बीजेपी ने मनोज झा के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. बीजेपी विधायक नीरज सिंह बबलू ने कहा, "ठाकुर समाज इसका कड़ा जवाब देगा. आप कह रहे हैं कि हमारे अंदर के ठाकुर को मारना चाहिए. आप ये कहते कि हमारे अंदर के राक्षस को मारना चाहिए, हमारे अंदर के रावण को मारना चाहिए. यानी आप क्या कह रहे हैं कि ठाकुर को राक्षण और रावण का संज्ञान दे रहे हैं. इस बात का खामियाजा उनको भुगतना पड़ेगा."

मनोज झा को मिला RJD का साथ

इस पूरे मामले पर RJD ने अपना पक्ष रखा है. RJD के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि मनोज झा के बयान का हम समर्थन करते हैं, उन्होंने किसी समुदाय और जाति के बारे में नहीं कहा है, उन्होंने सबके बारे में कहा है. उन्होंने प्रवृत्ति के बारे में बोला है, वो दबंगई की प्रवृत्ति आपमें भी हममें भी है. उन्होंने उस प्रवृत्ति की मारने की बात की है.

इस पूरे मामले पर किसी बड़े JDU नेता का बयान सामने नहीं आया है, अबतक जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह या नीतीश कुमार का कोई बयान नहीं आया है. लेकिन, देखने वाली बात होगी कि ये विवाद सियासी पिच पर कितनी देर तक टिका रहता है, ये RJD और JDU के बड़े नेताओं के बयानों के आधार से ही पता चलेगा.

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