बिहार में एक बार फिर बीजेपी और JDU का रिश्ता टूट गया है, सरकार के पांच साल पूरे होने से पहले ही नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने सालों पुराने सहयोगी का हाथ झटक दिया और सीएम पद से इस्तीफा देकर, गठबंधन से बाहर हो गए हैं. अब एक बार फिर नीतीश महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं.
बिहार की राजनीति में पिछले 48 घंटे में काफी कुछ घटित हुआ है. नीतीश के मोहभंग से लेकर एनडीए की सरकार गिरने और नीतीश कुमार के इस्तीफा देने तक क्या-क्या और कैसे हुआ?
पिछले कुछ दिनों में क्या-क्या हुआ?
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद के 7 अगस्त को JDU छोड़ने के बाद से मामला और बिगड़ गया था, बता दें कि आरसीपी सिंह ने 12 साल पहले IAS की नौकरी छोड़कर जेडीयू ज्वाइन की थी और डेढ़ साल पहले जेडीयू का नेतृत्व भी किया. लेकिन पिछले कुछ सालों में दोनों के रिश्तों में काफी तल्खी आ गई थी. RCP सिंह ने अपने पैतृक गांव मुस्तफापुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर JDU से इस्तीफा दिया था. उन्होंने तो नीतीश कुमार को डूबता जहाज ही बता दिया. यहां तक कि उन्होंने नीतीश कुमार पर पक्षपात करने का आरोप भी लगाया.
पिछले कुछ महीनों से जेडीयू और बीजेपी के बीच तल्खी बढ़ती जा रही थी. जेडी(यू) के नेता लगातार आरोप लगा रहे थे कि पार्टी पर टेकओवर करने के लिए बीजेपी 'एकनाथ शिंदे' वाला दांव यहां खेलना चाहती है.
अमित शाह ने की नीतीश कुमार से बात
3-4 दिनों से सियासी सरगर्मी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी, जेडीयू के गठबंधन तोड़ने की खबरें आने लगीं तो बीजेपी खेमे में भी खलबली मच गई. ऐसी खबरे हैं कि खुद गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को नीतीश से बात की, लेकिन नीतीश कुमार नहीं माने.
बीजेपी के नेताओं की मैराथन बैठक
JDU ने मंगलवार की बैठक का ऐलान किया तो बीजेपी ने एक अहम बैठक की, जो तारकिशोर प्रसाद के आवास पर हुई. इस बैठक में बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल भी शामिल हुए. संजय जायसवाल रविवार देर शाम दिल्ली गए थे. बिहार के हालात पर अहम बैठक की, लेकिन आखिरकार नीतीश ने बीजेपी से किनारा कर ही लिया.
आज नीतीश ने बुलाई थी बैठक
सीएम नीतीश कुमार ने जेडीयू के सांसदों और विधायकों के साथ आज अहम बैठक की, इस बैठक में उन्होंने बताया कि कैसे बीजेपी उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है. अब ऐसे दल के साथ नाता नहीं रखना चाहते हैं, जो उनकी पार्टी को तोड़े. बैठक में मौजूद नेताओं ने नीतीश कुमार को निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ने का ऐलान किया.
इसके पहले नालंदा से सांसद कौशलेन्द्र ने भी दावा किया था कि JDU के विधायकों को बीजेपी की ओर से तोड़ने के लिए प्रलोभन दिया गया था. विधायकों को बीजेपी की ओर से 6-6 करोड़ रुपए का ऑफर देने की बात कही गई. यहां तक कि रविवार को जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा था कि 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमर को कमजोर करने के लिए चिराग मॉडल अपनाया गया.
नीतीश कुमार ने दिया इस्तीफा
नीतीश कुमार ने आखिरकार मंगलवार शाम करीब 4 बजे सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और बाहर आकर बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया. नीतीश कुमार से जब गठबंधन टूटने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि, कई कारण हैं हमारे लोग आपको बता देंगे.
राबड़ी देवी के आवास पर हुई बैठक
बिहार में सरकार बदलने की अटकलों के बीच राष्ट्रीय जनता दल ने भी मंगलवार को राबड़ी देवी के आवास पर बैठक की.
2020 के चुनाव के बाद ही बिगड़ा था समीकरण
2020 के विधानसभा नतीजे के बाद ही ये बात सामने आ गई थी, नीतीश कुमार गठबंधन की मजबूरी हैं. बीजेपी से करीब आधे विधायक होने के बावजूद नीतीश सीएम तो बन गए, लेकिन बीजेपी हमेशा उन पर हावी रही. इसके अलावा चिराग पासवान फैक्टर ने भी इसमें काम किया.
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