ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिहार में बीजेपी करवा रही है कन्हैया पर हमले- लेफ्ट

नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ कन्हैया की बिहार में जन-गण-मन यात्रा जारी

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर हमले बीजेपी या उनके समर्थित संगठन कर रहे हैं. कन्हैया इन दिनों नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में अपनी जन-गण-मन यात्रा के दौरान बिहार में सभाएं कर रहे हैं. इस दौरान उनके काफिले पर नौ हमले हो चुके हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

भूमिहार जाति से आने वाले कन्हैया की सभाओं में अच्छी-खासी भारी भीड़ आ रही है. भूमिहार बीजेपी का वोटर माना जाता है. ऐसे में कहा जा रहा है कि दक्षिणपंथी संगठन वामपंथ के विरोध में खड़े हो गए हैं.

माकपा सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा,

“कन्हैया पर हमले करने वाले कोई और नहीं हैं, बल्कि हताश और हिंदुवादी संगठनों के कार्यकर्ता हैं. जितनी सुरक्षा कन्हैया की यात्रा को मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिल रही है, जिस कारण कई लोगों को हमला करने का मौका मिल जाता है. कन्हैया की चर्चित छवि से बीजेपी की राजनीतिक जमीन खिसकती जा रही है, जिस कारण पार्टी अपने लोगों द्वारा तरह-तरह के व्यवधान डाल रही है.”
View this post on Instagram

जन-गण-मन यात्रा का क़ाफ़िला कल लखीसराय जिले मे सभा करने के बाद आज बीसवें दिन वैशाली ज़िला पंहुचा। लोगों का प्यार और समर्थन देखकर ये भरोसा और मज़बूत हुआ है कि हमारा देश गोडसे के नही, गांधी के रास्ते पर ही आगे बढ़ेगा।

A post shared by Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) on

कन्हैया के काफिले पर जमुई, सुपौल, कटिहार, आरा, लखीसराय, सारण सहित कई इलाकों में हमला किया गया है.14 जनवरी को बक्सर से आरा आने के क्रम कन्हैया के काफिले पर हुए हमले के खिलाफ में भोजपुर जिले के उदवंतनगर थाना के गजराजगंज ओपी में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस मामले में पुलिस ने भोजपुर के शिवसेना महासचिव विक्रमादित्य सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

‘नफरत पर मोहब्बत भारी ‘

सूत्रों का ये भी दावा है कि कई जातीय संगठनों ने भी कन्हैया के विरोध की रणनीति बनाई गई है. लखीसराय के गांधी मैदान में आयोजित सभा में कन्हैया की ओर चप्पल उछाले जाने वाले की पहचान चंदन कुमार के रूप में की गई है.

बहरहाल, कन्हैया की सभाओं में जुट रही भीड़ से बिहार में नए सियासी समीकरण तलाशे जाने लगे हैं. ऐसे में कन्हैया के विरोध को वामपंथी दल भी फायदे के रूप में देख रहे हैं. 14 फरवरी को कन्हैया ने ट्वीट किया था, "हमले तुम्हारे जारी हैं, लेकिन नफरत पर मोहब्बत भारी है."

एनआरसी और सीएए के खिलाफ एक महीने तक चलने वाली इस जन-गण-मन यात्रा के दौरान कन्हैया बिहार के लगभग सभी प्रमुख शहरों में पहुंचेंगे और करीब 50 सभाएं करेंगे. कन्हैया ने इस यात्रा की शुरुआत 30 जनवरी को बेतिया से की थी. उनकी यह यात्रा 29 फरवरी को समाप्त होने वाली है.

(IANS इनपुट)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×