महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को सीएम बनाए जाने पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि "भारी दिल" के साथ बीजेपी को देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की जगह एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का फैसला करना पड़ा.
पाटिल के बयान के बाद देवेंद्र फडणवीस ने सफाई भी दी है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में हमारी सरकार में सिर्फ एक ही सीएम है, जो हमारा नेता है. एकनाथ शिंदे हमारी सरकार के नेता हैं.
पनवेल में बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी (BJP State Executive) की एक बैठक में बोलते हुए पाटिल ने कहा कि शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला सही संदेश देने के लिए जरूरी था.
हमें एक ऐसे नेता की जरूरत थी, जो सही संदेश दे सके और स्थिरता ला सके. केंद्रीय नेतृत्व और देवेंद्र जी ने तब भारी हृद्य के साथ एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया. हम लोग नाखुश थे, लेकिन हमने फैसला मान लिया."चंद्रकांत पाटिल
डैमेज कंट्रोल मोड में बीजेपी
पाटिल के बयान से नई-नई बनी सरकार में भूचाल आने की संभावना जताई जा रही है. राज्य कार्यकारिणी की बैठक का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीजेपी नेता अब डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं. साथ ही यह जांच भी की जा रही है कि यह वीडियो लीक कैसे हुआ.
मुंबई से आने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता आशीष शेलार ने कहा है कि पाटिल का बयान बीजेपी की स्थिति को नहीं दर्शाता, यह उनका निजी बयान है. हालांकि शेलार ने यह भी कहा कि पाटिल, आम बीजेपी कार्यकर्ता की भावनाओं को जाहिर कर रहे थे.
फडणवीस ने साधा उद्धव पर निशाना
इस बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा कि उनकी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी ना की जाए, वह पहले भी मुश्किल हालातों को बदल चुके हैं.
फडणवीस ने आगे कहा कि राज्य में हिंदुत्व की विचारधारा के लिए जरूरी था कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनें. यह कोई अचानक हुआ काम नहीं है.
बता दें बीजेपी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी है. शिवसेना में फूट के बाद एकनाथ खडसे के साथ शिवसेना के 40 विधायक आ गए थे. तब कई लोगों का कहना था कि इसके बाद देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बन सकते हैं. हालांकि जब फडणवीस ने शिंदे के नाम की घोषणा की, तब उन्होंने कहा था कि वे सरकार से बाहर रहेंगे. पर बाद में केंद्रीय नेतृत्व के दखल के बाद उन्होंने उपमुख्यमंत्री बनना तय किया.
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