जेएनयू में कंडोम की गिनती करके विवादों में आए बीजेपी एमएलए ज्ञान देव आहूजा के खिलाफ चुनाव में नोट बांटने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. राजस्थान चुनाव में ज्ञानदेव का टिकट काट दिया गया था. अब उन्होंने सांगानेर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल कया है. पिछली बार वह रामगढ़ सीट से जीते थे.
ज्ञानदेव पर आरोप है कि उन्होंने पर्चा दाखिल करने से पहले एक रैली के दौरान अपने समर्थकों को पैसे बांटे. ज्ञानदेव को वी़डियो में पैसे बांटते देखा जा रहा है. यह वीडियो वायरल हो गया था.
सांगानेर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ रहे हैं ज्ञानदेव
सांगानेर के चुनाव अधिकारी जगत राजेश्वर ने कहा कि ज्ञानदेव के खिलाफ बेनीपार्क में एफआईआर दर्ज की गई है. उनके खिलाफ जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है. अब यह केस सीबी-सीआईडी को जांच के लिए सौंप दिया गया है. क्योंकि वह मौजूदा एमएलए है. तीन बार एमएलए रह चुके आहूजा को इस बार बीजेपी से टिकट नहीं दिया गया था. लिहाजा अब वह निर्दलीय सांगानेर से उम्मीदवार के तौर पर लड़ रहे हैं.
बीजेपी से दोबारा टिकट नहीं मिलने पर विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने रविवार को निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया . आहूजा अब राजस्थान में जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे. 2016 में आहूजा तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हर दिन हजारों कंडोम और सैकड़ों इस्तेमाल किए हुए अबॉर्शन इंजेक्शन मिलने की बात कही थी.
हिन्दुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ते हैं आहूजा
आहूजा ने साफ-साफ कहा है कि वह गौरक्षा, राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण और हिंदुत्व के मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे. सोमवार को वो सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करेंगे. उन्होंने बताया कि बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी को उन्होंने इस्तीफा भेज दिया है.
आहूजा ने कहा, ‘‘पार्टी ने बिना मुझसे पूछे टिकट काट दिया और टिकट काटने का कोई कारण भी नहीं बताया गया. अपने समर्थकों और परिजनों के दबाव में मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अब सांगानेर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ूंगा.''
इससे पहले बीजेपी ने 31 सीटों के लिए उम्मीदवारों की जो दूसरी लिस्ट जारी की थी. उसमें ज्ञानदेव का नाम नहीं था. राज्यमंत्री धन सिंह रावत का भी टिकट गया था. बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद से पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो चुका है. कई दिग्गज नेता टिकट लिस्ट में जगह पाने में नाकाम रहे. दूसरी लिस्ट में कम से कम 6 विधायकों का टिकट काटा गया है.
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