मोदी सरकार के जनरल कैटेगरी को 10% आरक्षण के फैसले को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 'स्लॉग ओवर का छक्का' करार दिया. उन्होंने ये भी कहा कि ये तो पहला है, आगे और भी लगेंगे. मतलब साफ है कि 2019 आम चुनाव से पहले पब्लिक को लुभाने के लिए मोदी सरकार कई और चौंकाने वाले फैसले करेगी. आइए समझते हैं कि सरकार 'स्लॉग ओवर्स' में पब्लिक को रिझाने के लिए और कौन-कौन से 'छक्के' लगा सकती है.
पहला 'छक्का': इनकम टैक्स में छूट?
वित्तमंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगे. इसके बाद चुनकर आने वाली नई सरकार ही पूर्ण बजट पेश करेगी. हाल ही में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने सरकार से आयकर छूट सीमा को दोगुना कर पांच लाख रुपये करने की अपील की. इससे पहले भी टैक्स छूट को बढ़ाए जाने की मांग होती रही है.
ऐसे में संभव है कि सरकार अंतरिम बजट में टैक्स छूट को बढ़ाने का ऐलान कर दे. अब तक 2.5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री है. ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक की इनकम पर पांच फीसदी और 5 से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 20 फीसदी इनकम टैक्स लगता है.
दूसरा 'छक्का': यूनिवर्सल बेसिक इनकम?
15 लाख रुपये अकाउंट में न ला पाने को लेकर ताने झेलने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगला 'छक्का' यूनिर्वसल बेसिक इनकम स्कीम हो सकता है. इस स्कीम के तहत सरकार हर महीने देश के हर नागरिक को खर्चे के लिए एक बंधी-बंधाई रकम देगी. इस स्कीम का फायदा उठाने वालों को अपनी आर्थिक स्थिति साबित करने की जरूरत नहीं होगी. हालांकि इस योजना में इकनॉमी का इन्फ्लेशन तय करेगा कि रकम कितनी रखी जाए.
यूनिवर्सल बेसिक इनकम पर भारत समेत दुनियाभर में बहस होती रही है. इस स्कीम का मकसद गरीबी हटाना है. विचार ये है कि देश के हर नागरिक को हर महीने एक रिजनेबल इनकम मिलनी चाहिए, भले ही वो देश की आय में किसी तरह का योगदान देता हो या नहीं.
तीसरा 'छक्का': राम मंदिर पर कोई चौंकाने वाला फैसला?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही अपने हालिया इंटरव्यू में कह चुके हों कि राम मंदिर के मुद्दे पर अध्यादेश का फैसला कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा. लेकिन चुनाव में वोटबैंक साधने के लिए सरकार राम मंदिर को लेकर कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती है. वैसे भी सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई लगातार टल रही है.
चौथा 'छक्का': सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कोई फैसला?
साल 2016 में उरी अटैक के बाद जब देशभर में मोदी सरकार की आलोचना हो रही थी, तब अचानक सेना के प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने का खुलासा किया. इस खुलासे के बाद बीजेपी नेताओं का मनोबल लौट आया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैलियों में सर्जिकल स्ट्राइक का बढ़ा-चढ़ाकर जिक्र किया और पाकिस्तान के रवैये से जनता में पैदा हुए गुस्से पर काबू पाने में कामयाब रहे.
ऐसे में अटकलें ये भी हैं कि सरकार राष्ट्रवाद जगाने के लिए 'सर्जिकल स्ट्राइक' जैसा कोई कदम उठा सकती है.
पांचवा 'छक्का': माल्या-मोदी का प्रत्यर्पण?
विपक्ष ने राफेल डील को लेकर सरकार को घेरा तो यूपीए के दौर में हुए अगस्तावेस्टलैंड घोटाले से जुड़े बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल का यूएई से प्रत्यर्पण करा लिया गया. बैंकों के करोड़ों रुपये लेकर विदेश भाग चुके विजय माल्या को लेकर भी सरकार की खूब किरकिरी हुई है.
राहुल गांधी अपनी तकरीबन हर रैली में माल्या और नीरव मोदी के देश से फरार हो जाने का जिक्र करते हैं. तो क्या माल्या-नीरव का प्रत्यर्पण मोदी सरकार का एक और छक्का हो सकता है?
लेकिन मैच के आखिरी ओवरों में छक्के उड़ाने की कोशिश में आउट होने का डर बराबर बना रहता है. जरा-सी चूक हुई नहीं कि पवेलियन वापस. हमें उम्मीद है कि पीएम नरेंद्र मोदी के रणनीतिकार उन्हें तूफानी बैटिंग का ये खतरा बता चुके होंगे.
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