बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या (BJP MP Tejasvi Surya) ने 27 दिसंबर को ट्विटर पर एक बयान जारी कर "बिना शर्त" अपनी हालिया विवादास्पद टिप्पणी को वापस ले लिया है. तेजस्वी सूर्या ने कहा था कि, जो लोग इस्लाम और ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए थे, उन्हें वापस हिंदू धर्म में लाया जाना चाहिए, और इसके लिए मठों और मंदिरों को इसके लिए वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए.
तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट करते हुए लिखा कि,
"दो दिन पहले उडुपी श्रीकृष्ण मठ में आयोजित एक कार्यक्रम में मैंने 'भारत में हिंदू पुनरुद्धार' विषय पर बोला था. मेरे स्पीच के कुछ बयानों ने खेदजनक रूप से एक टाले जाने लायक विवाद पैदा कर दिया. इसलिए मैं बिना शर्त बयान वापस लेता हूं"
क्या गोवा चुनाव के पहले इमेज क्राइसिस की चिंता ?
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि, बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के करीबी माने जाने वाले सूर्या से कहा गया था कि वो आगामी गोवा चुनाव के मद्देनजर बयान जारी करें.
मालूम हो कि गोवा के वोट बैंक में ईसाई आबादी का एक बड़ा हिस्सा है. और खास बात है कि यह शायद पहली बार है कि अक्सर भड़काऊ बयानों के आरोपी सांसद ने इस तरह का स्पष्टीकरण जारी किया है.
तेजस्वी सूर्या ने क्या कहा था ?
25 दिसंबर को तेजस्वी सूर्या ने श्रीकृष्ण मठ में कहा था कि जिन लोगों ने अपनी "मातृ धर्म" को छोड़ दिया है, उन्हें प्राथमिकता पर वापस लाया जाना चाहिए और यह "विसंगति" का "एकमात्र संभव समाधान" है.
“वो लोग जिन्होंने अपने मातृ धर्म को छोड़ दिया है और भारत के इतिहास के दौरान विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक कारणों से हिंदू धर्म से बाहर चले गए हैं, उन्हें वापस लाया जाना चाहिए, हिंदू धर्म में वापस लाया जाना चाहिए. वापस मातृ विश्वास में लाना चाहिए "
गौरतलब है कि तेजस्वी सूर्या ने यह टिप्पणी कर्नाटक में “धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार बिल” (जिसे आमतौर पर धर्मांतरण विरोधी कानून के रूप में जाना जाता है) के राज्य विधानसभा में पारित होने के दो दिन बाद की थी.
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