बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय (Mukul Roy) के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है. इस संबंध में फैसला शुक्रवार को कोलकाता में पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी बैठक के बाद लिया जाएगा. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है.
तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी के दो जून को मुकुल रॉय की बीमार पत्नी को देखने के लिए अस्पताल पहुंचने के बाद इस बात की अटकलें तेज हो गई थीं कि राज्य के राजनीतिक समीकरणों में बदलाव आ सकता है. इसका एक संकेत तब मिला, जब रॉय प्रदेश बीजेपी नेतृत्व की ओर से मंगलवार को बुलाई गई बैठक में नहीं पहुंचे थे.
अभिषेक के अस्पताल जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुकुल रॉय को फोन करके उनकी बीमार पत्नी का हालचाल पूछा था. हालांकि, रॉय की टीएमसी में वापसी की अटकलों के बीच इस कदम के सियासी मायने भी निकालने की कोशिश की गई.
बता दें कि रॉय बीजेपी में आने से पहले तृणमूल कांग्रेस में महासचिव थे. वह 2017 में बीजेपी में शामिल हुए थे.
दल-बदलने वाले टीएमसी के कई पूर्व नेताओं ने पिछले कुछ हफ्तों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खेमे में लौटने की इच्छा प्रकट की है, इनमें पूर्व विधायक सोनाली गुहा और दीपेंदु विश्वास आदि प्रमुख नेता हैं.
दक्षिण 24 परगना के सतगचिया से चार बार विधायक रहीं सोनाली ने एक लेटर में लिखा कि जिस तरह पानी के बाहर मछली नहीं रह सकती, उसी तरह दीदी (ममता), ‘मैं आपके बिना नहीं रह पाऊंगी.’
हाल ही में सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि कम से कम 33 बीजेपी विधायक पार्टी छोड़कर टीएमसी में जाना चाहते हैं. ऐसे में, पश्चिम बंगाल के हालिया विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जीत के बाद राज्य की सियासी हलचल एक बार फिर तेज हो गई है.
इस बीच, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि टीएमसी बहुत चुनिंदा नेताओं की ही वापसी को तैयार होगी, जिससे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश दिया जा सके कि बगावत बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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