ADVERTISEMENTREMOVE AD

रामपुर में 26 साल में सबसे कम वोट,मैनपुरी में भी घटा,SP लगाती रही धांधली के आरोप

By Election: Khatauli में 56%,Kurhani में 58%, Bhanupratappur में 71%, Padampur में 76%,Sardarshahar में 67% वोटिंग.

Published
Like

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

गुजरात (Gujarat) और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के साथ ही मैनपुरी में लोकसभा उपचुनाव और 5 राज्यों की 6 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव पर वोटिंग खत्म हो गई. यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट पर 53% वोट पड़े. वहीं रामपुर विधानसभा सीट पर 31%, खतौली में 56%, बिहार के कुढ़नी सीट पर  58%, छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर में 71%, ओडिशा के पदमपुर में 76% और राजस्थान की सरदारशहर सीट पर 67% वोट पड़े. वोट प्रतिशत को देखें तो यूपी में तीन जगहों पर हुए चुनाव में वोट प्रतिशत ज्यादा कम हुए हैं. इसे पिछले चुनाव से तुलना कर समझते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रामपुर: 9 महीने में वोटिंग 56% से घटकर 31% पहुंच गई

मार्च में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव हुआ था, जिसमें रामपुर में मतदान हुआ और 56% वोट पड़े थे, लेकिन अबकी बार हुए उपचुनाव में सिर्फ 31% ही वोट पड़े. रामपुर विधानसभा सीट पर इतनी कम वोटिंग 1993 में हुई थी. तब 30.5% वोट पड़े थे और आजम खान की जीत हुई थी. यानी 26 साल में रामपुर में अबकी बार सबसे कम वोटिंग हुई है.

रामपुर के अलावा मैनपुरी की लोकसभा सीट और खतौली की विधानसभा सीट भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. हालांकि इन दोनों सीटों पर रामपुर की तरह वोटिंग प्रतिशत बहुत ज्यादा कम घटा. मैनपुरी में 53% वोट पड़े, जबकि पिछली बार 58% वोटिंग हुई थी. खतौली में 56% वोट पड़े, जबकि 2022 में 69% मतदान हुआ था.

यूपी की तीनों सीटों पर कम वोटिंग क्यों हुई?

छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान में हुए उपचुनाव में पिछली बार की तुलना में कम वोट पड़े है, लेकिन यूपी की तीन सीटों पर वोट का प्रतिशत ज्यादा कम नजर आता है. छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर में 71% (पिछली बार 75%), ओडिशा की पदमपुर में 76% (पिछली बार 78%), राजस्थान की सरदारशहर में 67% (पिछली बार 77%) वोट पड़े, लेकिन यूपी की तीनों सीटों पर 7% से लेकर 25% कम वोट पड़े हैं.

पिछली बार से तुलना करें तो मैनपुरी में  7.3 %, रामपुर में 25.18 % और खतौली में 13.3 % कम मतदान हुआ.

चुनाव प्रचार और वोटिंग वाले दिन मतदान को लेकर समाजवादी पार्टी ने कई सवाल उठाए और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. एक ट्वीट के जरिए कहा गया कि रामपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपाई पुलिस की गुंडागर्दी. समाजवादी पार्टी के मतदाताओं को डंडे मारकर भगाया जा रहा है. संज्ञान ले चुनाव आयोग, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो.

अखिलेश यादव ने भी यूपी में चल रहे उपचुनावो में प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा,

"शासन की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा वोट पड़े, लेकिन प्रशासन इस कोशिश में है कि वोट न पड़ पाएं. समाजवादी पार्टी के वोटर्स को चिह्नित करके उन पर लाठी चलाई जा रही है. लोगों से नाम पूछे जा रहे हैं और उन्हें परेशान किया जा रहा है. जिलाधिकारी बात नहीं कर रहे हैं. ऐसा सिर्फ मैनपुरी में ही नहीं, रामपुर में भी हो रहा है."
अखिलेश यादव, एसपी प्रमुख

आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने कहा, रामपुर उपचुनाव में धांधली की जा रही है. वोटरों को धमकाया और पीटा जा रहा है. बूथ पर जाने नहीं दिया जा रहा. वोटरों को वोट डालने नही दिया जा रहा. हालांकि प्रशासन ने सभी आरोपों पर जवाब दिया और कहा कि चुनाव सही तरीके से कराया जा रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कुढ़नी में 10% वोटिंग कम हुई

बिहार में कुढ़नी विधानसभा से आरजेडी विधायक अनिल सहनी को एमपी-एमएलए कोर्ट से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उपचुनाव हुए. प्रयोग के तौर पर आरजेडी के बजाय जेडीयू ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा और मनोज कुशवाहा को टिकट दिया. बीजेपी ने एक बार फिर केदार प्रसाद गुप्ता को मैदान में उतारा, जिन्होंने 2020 के चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दी थी. RJD उम्मीदवार ने मात्र 712 वोटों से जीत हासिल की थी.

कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में 58% वोट पड़े, जबकि पिछली बार 69% मतदान हुआ था. चूंकि पिछली बार जीत हार का अंतर बहुत कम था. ऐसे में 10% कम वोट पड़ने से दोनों पार्टियों के उम्मीदवार असमंजस में हैं. राजस्थान की सरदारशहर में भी कम वोटिंग हुई. यहां अबकी बार 67% ही वोट पड़े, जबकि पिछली बार 78% मतदान हुआ था.

ओडिशा की पदमपुर विधानसभा सीट पर बरिहा परिवार का कब्जा रहा है. ये बिंझौल समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. अक्टूबर में रंजन सिंह बरिहा के निधन की वजह से इस सीट पर उपचुनाव कराया गया. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी ने विजय रंजन सिंह बरिहा की बेटी बर्षा सिंह बरिहा को टिकट दिया था.  बीजेपी ने पूर्व विधायक प्रदीप पुरोहित को और कांग्रेस ने सत्य भूषण साहू को मैदान में उतारा था. यहां 76% वोट पड़े. पिछली बार 78% मतदान हुआ था. यानी सिर्फ 2% कम वोटिंग हुई.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×