देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड तोड़ती जा रही हैं. ऐसा कोई दिन नहीं होता जब खबर आती है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट हुई है. गिरावट होती है लेकिन मामूली. देश के ज्यादातर राज्यों में तो पेट्रोल की कीमतें सौ को पार कर गई हैं. मुंबई और भोपाल में तो डीजल तक सौ रुपयों से ज्यादा में बिक रहा है.
महंगाई की इस मार के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री (पेट्रोलियम और नेचरल गैस) रामेश्वर तेली (Rameshwar Teli) का अजीबो गरीब बयान सामने आया है.
9 अक्टूबर को असम में केन्द्रीय मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि, "ईंधन की कीमतें ज्यादा नहीं हैं, लेकिन इसमें टैक्स शामिल है. फ्री वैक्सीन तो आपने ली होगी, पैसा कहां से आएगा? आपने पैसे का भुगतान नहीं किया है, इसे इस तरह से एकत्र किया गया".
इससे पहले धर्मेंद्र प्रधान समेत कई बीजेपी नेता दे चुके हैं कुतर्क
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मीडिया से बात करते वक्त कह चुके हैं कि वेलफेयर स्कीमों के लिए पैसों की बचत की जा रही है.
सरकार का खर्च कोविड से राहत के कदमों की वजह से बढ़ गया है, इसलिए केंद्र कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने के लिए पैसों की बचत कर रहा है. गरीबों को आठ महीने का राशन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. पीएम किसान के तहत किसानों के बैंक खातों में कुछ हजार करोड़ रुपये को ट्रांसफर किया गया है. ऐसे मुश्किल समय में, वे वेलफेयर स्कीमों पर खर्च करने के लिए पैसे की बचत कर रहे हैं.धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री
यही नहीं कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ पश्चिम से बीजेपी के विधायक अरविंद बेलाड कह चुके हैं कि तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा करने की लड़ाई लड़ रहा था जिसकी वजह से दुनियाभर में पेट्रोलियम पद्रथों की सप्लाई करने में बाधा आई और इसी वजह से भारत में पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम बढ़े हैं.
जनता के घाव पर नमक छिड़कने का काम
इनके अलावा मध्य प्रदेश में केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर अजीब बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि "जिंदगी में परेशानी ही सुख का आनंद देती है जब तक एक भी परेशानी नहीं आए तो सुख का आनंद भी नहीं आता है".
वहीं पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई पर बीजेपी नेता और बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद भी ऐसी ही बयानबाजी कर चुके हैं. वो कहते हैं कि "आम जनता गाड़ी से नहीं बस से चलती है. महंगाई से आम जनता परेशान नहीं है. देश में महंगाई से नेता परेशान हैं. आम जनता पर आंशिक तौर पर इसका असर पड़ता है. जनता को इसकी आदत हो जाती है".
सालों पहले विपक्ष में बैठी यही बीजेपी पार्टी और इसके नेता पेट्रोल-डीजल की बढ़ती हुई कीमतों पर कांग्रेस सरकार को घेरते हुए नजर आते थे लेकिन सत्ता में आने के बाद इन सभी नेताओं के सुर-ताल पूरी तरह से बदल चुके हैें.
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