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प. बंगालः BJP अध्यक्ष अमित शाह की रथ यात्रा को नहीं मिली इजाजत

ममता सरकार ने कहा था- रथ यात्रा से पैदा हो सकता है सांप्रदायिक तनाव

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कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के रुख के बाद कूचबिहार में बीजेपी की ‘रथ यात्रा' को इजाजत देने से गुरुवार को इनकार कर दिया. पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि इससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है. इस रथयात्रा को शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को हरी झंडी दिखानी थी.

कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की कूचबिहार में प्रस्तावित रैली और रथयात्रा को स्थगित कर दिया है.

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ममता सरकार ने कहा- रथ यात्रा से पैदा हो सकता है सांप्रदायिक तनाव

जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती ने निर्देश दिया कि रैली 9 जनवरी को अगली सुनवाई तक स्थगित की जाती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को इस समय रैली के लिए इजाजत नहीं दी जा सकती. राज्य सरकार के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को बताया कि रैली से साम्प्रदायिक तनाव पैदा होगा. उन्होंने जस्टिस को सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया कि ऐसी सूचना है कि सांप्रदायिकता को उकसाने वाले कुछ लोग और उपद्रवी तत्व वहां सक्रिय हैं.

कोर्ट ने बीजेपी के सभी जिला अध्यक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल में सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक बीजेपी की ‘रथ यात्रा' आयोजित करने पर उसे 21 दिसंबर तक एक रिपोर्ट सौंपें.

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शुक्रवार को होगी अपील पर सुनवाई

कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी की ओर से वकील, मुख्य न्यायाधीश देबाशीष कारगुप्ता के चैंबर में गए और उनसे गुरुवार शाम को उनकी अपील पर सुनवाई के लिए विशेष पीठ गठित करने का अनुरोध किया.

उन्होंने बताया कि मुख्य न्यायाधीश ने विशेष पीठ का गठन करने से इनकार कर दिया और बीजेपी वकीलों से शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे यह अपील अदालत के समक्ष पेश करने के लिए कहा.

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BJP ने ममता बनर्जी पर लगाया तानाशाही का आरोप

बीजेपी का राज्य के विभिन्न हिस्सों से और सभी 42 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों तक तीन ‘रथ यात्रा' करने का कार्यक्रम है. नई दिल्ली में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य में ‘‘तानाशाही'' चलाने का आरोप लगाते हुये कहा कि वह तुष्टिकरण की राजनीति में व्यस्त हैं. शाह का ‘लोकतंत्र बचाओ रैली' अभियान शुरू करने का कार्यक्रम था.

बीजेपी का सात दिसंबर से उत्तर में कूचबिहार से अभियान शुरू करने का कार्यक्रम था. इसके बाद नौ दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिला और 14 दिसंबर को बीरभूमि जिले में तारापीठ मंदिर से बीजेपी का रथ यात्रा शुरू करने का कार्यक्रम था. बीजेपी ने अदालत को बताया कि रैलियां 16 जनवरी तक कोलकाता में खत्म होगी.

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कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

बीजेपी ने कोर्ट को बताया कि वह शांतिपूर्ण यात्रा करेगी. इस पर जस्टिस ने पूछा कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? जवाब में बीजेपी के वकील अनिंद्य मित्रा ने कहा कि पार्टी एक शांतिपूर्ण रैली आयोजित करेगी. लेकिन कानून-व्यवस्था को बनाये रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.

जस्टिस चक्रवर्ती ने पूछा कि एक दिन से भी कम समय में सुरक्षा के बंदोबस्त करना संभव होगा. बीजेपी के वकील ने कहा कि 29 अक्टूबर से राज्य प्रशासन को कई अर्जियां दी गई लेकिन लंबे समय तक आवेदन दबाए रखने के बाद उन्होंने अब अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

इस पर जस्टिस चक्रवर्ती ने बीजेपी के वकील से पूछा,

‘‘अगर कोई आम आदमी आज मर जाता है तो क्या आपका जिला अध्यक्ष जिम्मेदारी लेगा?’’ अदालत लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. 

मित्रा ने कहा कि हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने जनवरी में भारतीय जनता युवा मार्चा की मोटरसाइकिल रैलियों को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी थी और वह अनुरोध करती है कि इस मामले में भी ऐसा ही आदेश दिया जाए.

जस्टिस चक्रवर्ती ने कहा कि जिस स्थिति में पिछला आदेश दिया था वह ऐसी नहीं थी और भाजयुमो की रैली केवल सात दिन के लिए थी.

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अटॉर्नी जनरल की दलील

एजी ने अदालत को बताया कि कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक ने रथ यात्रा के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि जिले में सांप्रदायिक मुद्दों का एक इतिहास रहा है और ऐसी सूचना है कि सांप्रदायिकता को उकसाने वाले कुछ लोग और उपद्रवी तत्व वहां सक्रिय हैं. पुलिस अधीक्षक द्वारा अनुमति देने से इनकार करने संबंधी पत्र में उल्लेख किया गया है कि बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी लोग कूचबिहार आएंगे. पत्र में जोर दिया गया है कि इससे जिले की सांप्रदायिक संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है.

जमीनी स्थिति को देखते हुये अनुमति देने से इनकार करने को एक प्रशासनिक निर्णय बताते हुये एजी ने कहा कि इसके संवेदनशील प्रकृति के कारण आंशका का ब्यौरा खुली अदालत में नहीं दिया जा सकता.

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बीजेपी के वकील की दलील

न्यायमूर्ति द्वारा यह पूछे जाने पर कि किसी अप्रिय घटना की स्थिति में कौन जिम्मेदारी लेगा, इस पर बीजेपी के वकील मित्रा ने कहा कि पार्टी शांतिपूर्ण रैली करेगी लेकिन कानून - व्यवस्था बनाए रखना राज्य की जिम्मेदारी है.

मित्रा ने कहा कि संविधान राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित करने के अधिकार की गारंटी देती है. उन्होंने कहा कि अप्रिय स्थिति की आशंका के आधार पर इनकार नहीं किया जा सकता है.

प. बंगाल बीजेपी में फैली निराशा

कूचबिहार में बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बीजेपी एक ‘‘जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी'' है और वह अदालत के आदेश का पालन करेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘रथयात्रा के लिए हमारी सारी तैयारियां पूरी हो गई है. अमित शाह भी आने के लिए तैयार हैं.''

हाई कोर्ट के आदेश की खबर मिलने के बाद बीजेपी के खेमे में निराशा फैल गई. रथ यात्रा के लिए तमाम तैयारियां की गईं थीं, जो कोर्ट के फैसले के बाद धरी की धरी रह गईं हैं.

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