पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab & Haryana High Court) ने बुधवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. चुनाव नतीजे को कांग्रेस-आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने चुनौती दी थी. लाइव लॉ के अनुसार, इस मामले की सुनवाई जस्टिस सुधीर सिंह और हर्ष बंगर की खंडपीठ कर रही थी.
हाई कोर्ट ने इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
चुनाव के नतीजे 30 जनवरी को घोषित किए गए थे. इसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस-आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले. हालांकि, कांग्रेस और AAP ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली हुई थी क्योंकि 8 वोट अवैध घोषित कर दिए गए थे, जिसकी वजह से BJP के उम्मीदवार जीत गए.
मंगलवार को कांग्रेस-AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने मेयर चुनाव के नतीजों को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था. उन्होंने याचिका में कहा था कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह और बीजेपी उम्मीदवार मनोज कुमार सोनकर ने चुनाव की लोकतांत्रिक प्रकिया को दरकिनार कर धोखाधड़ी और जालसाजी के जरिए मेयर पद हासिल किया.
प्रियंका गांधी ने साथा निशाना
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "जब कोई चुनाव हारता है, तो वे हर संभव तरीके से जीतने वाले को दोषी ठहराता है. लोकतंत्र में कोई जीतता है और कोई हारता है. यह प्रक्रिया चलती रहती है."
बीजेपी के नवनिर्वाचित चंडीगढ़ मेयर मनोज सोनकर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''आरोप लगाना उनका (APP-कांग्रेस) काम है. सब कुछ कैमरे पर हुआ है."
"जब वे अपनी हार को हजम नहीं कर पाए तो उन्होंने यह माहौल बनाया और हमें दोष देना शुरू कर दिया."
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी चंडीगढ़ मेयर चुनाव नतीजे पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, "चंडीगढ़ मेयर चुनाव में लोकतंत्र को जिस तरह से कुचला गया है, वह पूरे देश के सामने है. देश की जनता देख रही है कि एक नगर तक की व्यवस्था में भी विपक्ष और जनता की आवाज को खुलेआम दबाया जा रहा है. अगर स्थानीय निकायों में वे इस हद तक जा सकते हैं तो राज्य और केंद्रीय चुनावों में जनता भरोसा कैसे करे? जनता में भारी पैमाने पर संदेह व्याप्त हो रहा है."
विवाद पर क्या बोले पीठासीन अधिकारी अनील मसीह?
कांग्रेस और AAP ने पीठासीन अधिकारी अनील मसीह पर वोटों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों लगाया था. आरोपों को खारिज करते हुए अनील मसीह बोले, "कुल 36 वोट डाले गए. जब हम मतपत्र जारी कर रहे थे, तो कुछ AAP और कांग्रेस पार्षद चिंतित थे कि कागजात पर धब्बे और निशान थे. इसलिए उन्होंने मुझे लगभग 11 मतपत्रों को बदलने के लिए कहा."
उन्होंने कहा,
"मैंने उनके अनुरोध का सम्मान किया और मतपत्रों को एक तरफ रख दिया और उन्हें नए मतपत्र जारी किए."
बीजेपी मेयर के पक्ष रख रहे वकील अनिल मेहता ने कहा, ''कल के मेयर चुनाव के आधार पर आप-कांग्रेस की ओर से उच्च न्यायालय में दायर की गई यह चौथी याचिका है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अपनी तरफ से पूरी जद्दोजहद की, लेकिन कोर्ट ने किसी भी अंतरिम राहत से इनकार कर दिया है. याचिका की विचारणीयता से संबंधित मुद्दा अभी भी लंबित है. हमें याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है और हम इसे समय पर दायर करेंगे."
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