ADVERTISEMENTREMOVE AD

छठ पूजा पर फिर से BJP Vs AAP: दिल्ली में लगभग हर साल क्यों होता है ये विवाद?

छठ पूजा को लेकर पिछले कई सालों से दिल्ली में राजनीतिक विवाद जारी है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

छठ पूजा (Chhath Puja) को लेकर दिल्ली में राजनीतिक घमासान छिड़ा हुआ है. दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्ष में बैठी बीजेपी (BJP) इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. पिछले कुछ सालों से दिल्ली में छठ पूजा को लेकर लगातार राजनीति हो रही है. आखिर छठ को लेकर दिल्ली में हमेशा विवाद क्यों होता है. बीजेपी और आप दोनों के लिए यह मुद्दा क्यों इतना अहम है? आइए समझने की कोशिश करते हैं.

कुछ दिन पहले छठ को लेकर दिल्ली सरकार के एक आदेश के बाद से ही बीजेपी केजरीवाल सरकार पर हमलावर है. इस आदेश में कोरोना को देखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर छठ पर्व मनाने पर रोक लगा दी गई है.

दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने छठ के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है, 3 दिन पहले सीएम के घर के बाहर हुए प्रदर्शन में वो घायल भी हो गए थे. बीजेपी का आरोप है कि AAP सरकार पूर्वांचली लोगों की आस्था से जानबूझकर खिलवाड़ कर रही है.

0
सार्वजनिक जगहों पर छठ मनाने पर रोक दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी डीडीएमए की सिफारिश के बाद लगाई गई है.

बीजेपी के हमलों के बाद बैकफुट पर आप

बीजेपी के लगातार हमलों के बाद दिल्ली सरकार बैकफुट पर आ गई है. 2 दिन पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को खत लिखा और छठ के लिए गाइडलाइन जारी करने का आग्रह किया.

इसके बाद गुरुवार यानी 14 अक्टूबर को सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को चिट्ठी लिखकर छठ को देखते हुए कोरोना गाइडलाइन में छूट देने की मांग की.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
सीएसडीएस की रिपोर्ट के अनुसार 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में यूपी के 55 फीसदी और बिहार-झारखंड के 64 फीसदी वोटरों ने आप को वोट दिया. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 56 फीसदी पूर्वांचली वोटर्स ने बीजेपी को वोट दिया था.

पूर्वांचली वोटर्स क्यों अहम?

आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पूर्वांचली वोटर्स करीब 30 फीसदी हैं. दिल्ली की कम से कम 15 विधानसभा सीटों पर इनकी बहुलता है, जबकि कुल 25 सीटों पर ये वोटर्स चुनाव का रुख तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं.

सूर्य की उपासना का पर्व छठ पूर्वांचलियों के लिए आस्था के साथ-साथ भावनात्मक मुद्दा भी है. इसलिए हर बार छठ त्योहार के जरिए इस समुदाय को साधने की कोशिश राजनीतिक पार्टियां करती हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एक-दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा

चाहे लोकसभा हो, विधानसभा हो या फिर एमसीडी के चुनाव, पूर्वांचली मतदाता को अपने पाले में करने की कोशिश सभी पार्टियां करती हैं. 2022 में एमसीडी चुनाव होने हैं. इसलिए एमसीडी में कई साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी इस मुद्दे के हाथ से जाने नहीं देना चाहती.

उधर आम आदमी पार्टी भी एमसीडी चुनाव से ठीक पहले इस तरह के मुद्दों पर बीजेपी को माइलेज नहीं देना चाहती. इसलिए दोनों पार्टियां सार्वजनिक जगहों पर छठ की अनुमति नहीं देने का ठीकरा एकदूसरे पर फोड़ रहीं हैं.

बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता हरीश खुराना ने छठ के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर राजनीति का आरोप लगाया. उन्होंने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा, ''हम छठ को लेकर राजनीति नहीं करते हैं. आम आदमी पार्टी हमेशा राजनीति करती है.''

ADVERTISEMENTREMOVE AD
दिल्ली में 43-45 फीसदी पूर्वांचली मतदाता हैं. लाखों वोट हैं, इसलिए हर किसी को क्रेडिट चाहिए. छठ पर राजनीति नहीं होनी चाहिए लेकिन आम आदमी पार्टी करती है.
बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता हरीश खुराना

बुराड़ी से AAP विधायक और पार्टी के प्रवक्ता संजीव झा बीजेपी पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाते हैं. क्विंट हिंदी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''बीजेपी की सियासी जमीन दिल्ली से खिसक चुकी है. इस लिए छठ पूजा के नाम पर वो सियासी जमीन तलाश रहे हैं. छठ हमारी आस्था का मामला है, कम से कम बीजेपी इसको बख्श दे. राजनीति ना करे.''

पूर्वांचली वोट उनके पास से खिसक गया है. बीजेपी को लगता है कि छठ पर विवाद करके वो पूर्वांचली लोगों को बहला-फुसला लेंगे, लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है.
संजीव झा, आप विधायक और प्रवक्ता
ADVERTISEMENTREMOVE AD

हर साल छठ को लेकर होता है विवाद

पिछले कई सालों में दिल्ली छठ पूजा को लेकर राजनीतिक विवाद होता आ रहा हैः

2018- पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने छठ घाटों पर व्यवस्था के लिए 5-5 लाख रुपये देने का ऐलान किया. आम आदमी पार्टी ने इसपर आपत्ति जताई और कहा कि जब कर्मचारियों को देने के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पास पैसे नहीं हैं तो छठ पूजा के लिए पैसे कैसे जारी किए जा रहे हैं. इसके बाद बीजेपी ने AAP पर पूर्वांचली विरोध होने का आरोप लगाया.

विवाद यहीं नहीं रुका, आम आदमी पार्टी ने दावा किया कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने देवली इलाके में छठ घाट तैयार कर रहे अपनी पार्टी के पूर्वांचली कार्यकर्ताओं पर ही हमला कर दिया. AAP ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए उसे पूर्वांचल विरोधी करार दे दिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

2019- AAP नेताओं ने कालकाजी से बीजेपी पार्षद सुभाष भड़ाना पर छठ घाट का निर्माण रोकने का आरोप लगाया. AAP सांसद संजय सिंह, विधायक सौरभ भारद्वाज और दिलीप पांडे आदि ने घाट के निर्माण वाली जगह पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. AAP नेताओं ने बीजेपी पर पूर्वांचल विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी नेता दिल्ली में छठ घाटों के निर्माण में अड़ंगा डाल रहे हैं.

2020- पिछले साल भी कोरोना की वजह से दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर छठ पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद बीजेपी ने सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया था. बात इतनी बढ़ गई थी कि बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने सीएम अरविंद केजरावील पर पूर्वांचल विरोधी होने का आरोप लगाते हुए अपशब्द तक कह दिए थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×