गुजरात के 2002 के दंगों में पीएम मोदी को एक बार फिर क्लीन चिट दी गई है. इस बार नानावती आयोग ने पीएम मोदी को क्लीन चिट दी है. गुजरात के गृहमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी पर लगे सारे आरोप गलत साबित हुए हैं. उन्होंने गुजरात विधानसभा में नानावती आयोग की रिपोर्ट रखते हुए ये जानकारी दी.
साल 2002 के गुजरात दंगे और उस पर की गयी कार्रवाई पर न्यायमूर्ति नानावती-मेहता आयोग की अंतिम रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई. आयोग की रिपोर्ट का पहला हिस्सा 25 सितंबर, 2009 को विधानसभा में पेश किया गया था.
गोधरा कांड की जांच के लिए बना था आयोग
यह आयोग गोधरा ट्रेन अग्निकांड और बाद में फैले सांप्रदायिक दंगों के कारणों की जांच के बनाया गया था. आयोग ने 18 नवंबर, 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी. लेकिन तब से यह रिपोर्ट राज्य सरकार के पास ही थी. राज्य सरकार ने इस साल सितंबर में गुजरात हाईकोर्ट से कहा था कि वह अगले विधानसभा सत्र में रिपोर्ट पेश करेगी. राज्य सरकार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी आर बी श्रीकुमार की जनहित याचिका के जवाब में यह आश्वासन दिया था.
श्रीकुमार ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से राज्य सरकार को यह रिपोर्ट सार्वजनिक करने का निर्देश देने की अपील की थी. राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्रीकुमार ने आयोग के समक्ष हलफनामा देकर गोधरा के बाद फैले दंगे के दौरान सरकार की तरफ से कथित निष्क्रियता बरते जाने पर सवाल उठाया था. उन्होंने नवंबर, 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पटेल को प्रतिवेदन देकर इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी
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