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गोमती किनारे योगी ‘दरबार’, अधिकारियों से मांगा एक-एक पैसे का हिसाब

सीएम ने अधिकारियों को आदेश दिए कि ये सुनिश्चित किया जाए कि एक भी गंदा नाला गोमती नदी में ना गिरे.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे एक्शन में दिख रहे हैं. वे सोमवार को गोमती रिवर फ्रंड पर निरीक्षण करने पहुंचे.

योगी आदित्यनाथ ने रिवर फ्रंट से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें एक हफ्ते का वक्त देकर पूछा कि इसे बनने में इतना समय क्यों लग रहा है. साथ ही निर्देश भी जारी किए कि इसमें गैरजरूरी चीजों को न बनाया जाए.

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उन्‍होंने उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट का पूरा जायजा लेते हुए इस पर खर्च हो रहे पैसे का ब्योरा भी मांगा और कहा कि इस प्रोजेक्ट में खर्च एक-एक पैसे का हिसाब उन्हें चाहिए.

उन्होंने वहां नदी में गिर रहे नाले पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर ये नाला गोमती नदी में क्यों गिर रहा है. उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी गंदा नाला गोमती नदी में न गिरे.

योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्टी सीएम और कई मंत्री भी यहां मौजूद थे.

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क्या है गोमती रिवर फ्रंट?

  • रिवर फ्रंट के तहत लखनऊ में गोमती नदी के दोनों किनारों का सौंदर्यीकरण, जॉगिंग ट्रैक, किड्स प्ले एरिया, स्टेडियम, लाइटिंग की व्यवस्था हैं.
  • तीन हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
  • करीब 12.1 किलोमीटर का रिवरफ्रंट.
  • लंदन की टेम्स नदी की तर्ज पर इसे बनाया जा रहा है.
  • मार्च 2017 तक काम पूरा होना था.

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